*???जय सियाराम जी???*
*तलाश जिंदगी की थी दूर तक निकल पड़े...*
*जिंदगी मिली नही, तज़ुर्बे बहुत मिले!*
*किसी ने मुझसे कहा कि...*
*''तुम इतना ख़ुश कैसे रह लेते हो?''*
*मैंने कहा कि ''मैंने जिंदगी की गाड़ी से वो साइड ग्लास ही हटा दिये जिसमे पीछे छूटते रास्ते और बुराई करते लोग नजर आते थे !''*
*सदा मुस्कुराते रहिये*
*??सुप्रभातम ??*