गीता में सब कुछ है।*
*? लेकिन झूठ नहीं है, ।।*
*दुनिया में सब कुछ है*
*? लेकिन किसी को सुकून नहीं है।।*
*❤और ?*
*आज के इंसान में सब कुछ है
*? लेकिन सब्र नहीं*
*किसी ने क्या खूब कहा है-
*ना खुशी खरीद पाता हूँ*
*ना ही गम बेच पाता हूँ*
*फिर भी मैं ना जाने क्यूँ*
*हर रोज कमाने जाता हूँ....*