एक इन्सान है मेरे घर में जो सबसे जुदा है,सच कहूं तो वो इन्सान मेरे लिए तो खुदा है,रात-दिन हर पल वो एक नई परेशानी से लडा है,पर फिर भी मेरी खुशी के लिए हर वक्त साथ खड़ा है ,
खुद का हर एक ख्वाब छोड़ कर मेरा हर एक ख्वाब उसके लिए बड़ा है,मेरी बाइक के लिए लाखो का खर्चा ,जब पूछा खुद के लिए तो कहा मेरा तो पुराना स्कूटर पड़ा है, जेब छोटी है बेशक इस, पर दिल समन्दर से भी बड़ा है, इतिहास गवाह है मेरे दोस्त; उसके सामने तो खुदा को भी सर झुकाना पड़ा है,
ज़िम्मेदारियों का कितना बोझ है उसके उपर, पर फिर भी वो सीधा खड़ा है, ए खुदा माफ करना मेरे लिए तो मेरा "पिता" तुझसे भी बड़ा है ।
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