एक समय था जब बेटियों को लोग इसलिए पैदा नहीं होने देते थे कि वो दूसरे घर जाएगी शादी के लिए दहेज कहाँ से लाएंगे... और अब समय ऐसा आ गया है कि लोग इसलिए पैदा नहीं होने देंगे कि उन्हें इस दुनिया में सुरक्षित कैसे रख पाएंगे क्योंकि यहाँ वहसी दरिंदे जानवर के रूप में नहीं इंसानी रूप में घूम रहे जिनकी कोई पहचान ही नहीं है....
जस्टिस फार ट्विंकल की बात क्या कहना ... कहने से जस्टिस मिलता है क्या...
सुना है भीड़ में बहुत ताकत होती है शासन प्रशान से भी ज्यादा तो पुलिस के हाथ लगने से पहले भीड़ अपनी ताकत का उपयोग क्यूँ नहीं करती क्या शरीर का खून खौल कर अंगार नहीं बनता ... जब ताकत अपने हाथ में हो तो इंसाफ के लिए दूसरों पर शासन प्रशासन पर आश्रित होना ही क्यूँ.....