#kavyotsav 2
कोई तो है वजह की निंद नहीं आती है
कैसी है यह सजा की निंद नही आती है
ख्वाब तेरे पलको पर है रूके हुए
तेरी है यह अदा की निंद नही आती है
मोत तो बरहक है आयेगी एक दिन
अल्लाह की है रजा की निंद नही आती है
जफा पर जफा किये जा तुं हरदम
मेरी है पर वफा की निंद नही आती है
सब सितम रुह पे सहे है हसके
दिल है मगर खफा क़ी निंद नही आती है
सपना विजापुरा