#KAVYOTSAV -2
तुम खामोश थे....
सही को गलत और
गलत को सही कहा जा रहा था
वाकिफ तुम थे हर बात से
हर तोहमत से
फिर भी
तुम खामोश थे....
सच घुट रहा था
झूट का बोलबाला था
उम्मीदों का दिया
बुझने ही वाला था
फिर भी
तुम खामोश थे....
ज़रूरत थी की तुम बोलते
अपने हयात होने का
कुछ तो सबूत देते
गलत को गलत कहते
पर अफ्सोस
तुम खामोश थे....
© आसीफ जारियावाला
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