बच्चों के पास भी होते हैं बड़ों के सवालों के जवाब!
बात उन दिनों की है जब मेरे एक चचेरे भाई की शादी की बात घर में चल रही थी। भाई साधारण कद काठी के मामूली से व्यक्तित्व वाले ठहरे।
मेरी आंटी उनके लिए कई लड़कियां देख चुकी थीं पर बात बनी नहीं थी। वही ज़्यादातर रिश्तों को नापसंद कर देती थीं।
एक दिन बैठे बैठे बोलीं - कालेजों में इतनी ढेरों एक से एक सुंदर लड़कियां दिखती हैं,और शादी के लिए ढूंढने जाओ तो किसी की नाक लंबी,किसी के होठ मोटे, किसी का रंग काला...न जाने वो खूबसूरत लड़कियां चली कहां जाती हैं?
पास ही बैठी उनकी छोटी बिटिया ने तत्काल उनकी शंका का समाधान किया, बोली - वो सब अच्छे अच्छे लड़कों में खप जाती होंगी!
आंटी के पास इधर उधर देखने के अलावा कोई चारा नहीं था। बेचारे भाई साहब बैठे बैठे अकारण लपेटे में आ गए।