‘कलंक’ फिल्म रिव्यू - भणसाली के हेंगओवर में बनी कमजोर ‘कलंक’
एक था करन जोहर. बडी बडी ब्लोकबस्टर फिल्मों का निर्देशन और निर्माण करके खूब पैसा बटोरने और भारतीय दर्शकों का खासा मनोरंजन करने के बावजूद कई बार वो अपने इन्टर्व्यू में कहेता था की, ‘मैं क्यूं ‘बर्फी’ जैसी क्लासिक फिल्में नहीं बना सकता? संजय लीला भणसाली बनाते है वैसी भव्य, मेग्नमओपस फिल्में मैं क्यूं नहीं बना सकता?’
तो जनाब जोहर ने आखिर तय कर ही लिया की अब मैं भी भणसाली बनके दिखाउंगा, मैं भी एक एसी महा…न फिल्म बनाउंगा की दर्शक देखते रह जाएंगे..! तो उन्होंने प्रोड्युस की ‘कलंक’.
कैसी है ये मल्टीस्टारर फ़िल्म? संजय लीला भंसाली की फिल्मों जैसी दिखने वाली 'कलंक' क्या सच में भंसाली की फिल्मों जितनी दमदार है? एक साथ 3 हिट फिल्म देने वाली आलिया-वरुण की जोड़ी का जादू क्या फिर एक बार दर्शको पर चलेगा? चलिए जानते है फिल्म के रिव्यू के जरीए. रिव्यू पढने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें…
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