अभी कोरा सा कागज हूँ,
तुम्हारे नाम हो जाऊं,
अगर राधा बनो मेरी,
तेरा घनश्याम हो जाऊं,
रहे ना दरमियाँ तेरे मेरे कुछ,
बस गुजारिश है,
अगर तुम सुबह बन जाओ,
तुम्हारी शाम हो जाऊं।।
तुम्हारे दिल में आ करके,
वहीं कुर्बान हो जाऊं,
तुम्हें बिल्कुल पता ना हो,
तुम्हारी जान हो जाऊं,
चलो आओ मिलाएं दिल से दिल,
जो तुम बनो गीता,
मैं सच कहता हूँ मेरी जान,
मैं कुरान हो जाऊं।
-राकेश सागर