रंग लगा लो,अंग लगा लो,

प्रेम गुलाल लगा लो जी,

अवसर है शुरुआत नई कर,

प्रीत कलश छलका लो जी,

मिटें भेद सब इस उपवन से,

खुशियों की रंगोली है,

प्रेम बदरिया बरस रही है,

आओ खेलें होली है।।

#Happy Holi

Hindi Shayri by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111115181
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