अब अगर हिस्सो की किस्सो की बात करू तो अब जो तुम्हारा गलत है वोह अब मेरा है ओर जो तुम्हारा सही है वोह तो पहले से मेरा था तो अब जो मे नया बनुगा वोह सिर्फ मेरा रहूँगा हिसाब बराबर ना ! हाँ हिसाब बराबर !!
टप टप टप... मूँदी हुयी आंखो से भी, पल्कों की सरहदे तोड़ के राहुल के लिए समेटी हुई सारी भावनाए , सारी बाते , आधी राते , वोह सारी सिकयाते , सारे सवालत ओर सारा प्यार बेहने लगा…
रोत्लू नहीं थी स्तुति समजदार थी सुना था लोग आखो से दिल मे उतरते है तो निकलेंगे भी आंखो से ही ना... नहीं रोकना था अब उसे तीन महीनो तक रोकके रखा था बहने दिया उसने राहुल को अपनी दो मासूम आंखो से …
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