मैं दिल से बातें करता था ,
दिल मुझसे बातें करता था...
मैं उसकी सुनता रहता था ,
वो मेरी सुनता रहता था...
हम दोनों अपनी बातें बस ,
एक दूजे से ही कहते थे...
और एक दूजे की बातों पर ,
हम घण्टों हँसते रहते थे...
मैं दिल का दोस्त ही अच्छा था ,
दिल मेरा दोस्त ही अच्छा था...
वो मेरा दर्द समझता था ,
मैं उसका दर्द समझता था...
फिर दिल ने मुझसे चाल चली ,
वो प्यार की राह पे चल निकला...
अब मैं भी तन्हा रहता हूँ ,
और दिल भी तन्हा रहता है....®️