।। गणपति वन्दना।।
मंगल - मूर्ति - गौरी - नंदन,
भक्ति-भाव से करू मैं वंदन,
जय - जय - जय संतन हितकारी..
जय - जय - जय मंगलकारी..
प्रथम पूज्य तुम, श्रीगणेश तुम,...2
वर दायक तुम, सुख दायक तुम ...2
जय - जय - जय गौरी नंदन,
हम सब मिल करे अभिनंदन,
जय - जय - जय संतन हितकारी,..
जय - जय- जय मंगलकारी...
एक दंत तुम,दयावंत तुम ,..2,
मंगलकारी तुम , शुभकारी तुम..2
जय - जय - जय शंकर नंदन,
भक्तिभाव से करे हम वंदन,
जय - जय - जय संतन हितकारी...
जय - जय-जय मंगलकारी...
गज मुख तुम, गजानन तुम... 2
मुशक सवार तुम, नंदी सवार तु्म... 2
जय - जय - जय श्री गणेशा
भजे तुम्हें वहाँ रहे ना कलेशा,
जय - जय - जय संतन हितकारी...
जय - जय - जय मंगलकारी...
रिद्धि - सिद्धी के, स्वामी तुम हो... 2
शुभ और लाभ के, पालक तुम हो..2
जय - जय - जय माँ संतोषी के जनका,
जहाँ तुम हो, वहाँ रहे ना कोई शंका,
जय - जय - जय संतन हितकारी...
जय - जय - जय मंगलकारी...
नमन करे तुम्हें, आरती गाए.. 2
भोग लगाएं तुम्हें,स्तुति गाए..2
जय - जय - जय गणपति देवा,
धावे तुम्हें वो पावे मेवा,
जय - जय - जय संतन हितकारी..
जय - जय - जय मंगलकारी ।
।।ॐ गणपतिः नमः।।
Uma vaishnav
(स्वरचित और मौलिक)