न किसीका आदर है न किसीका सत्कार है,
फिर भी देते रहते है हमारे देश में आवकार है,
न किसीका मन है न किसीका चरित्र है,
व्यभिचार दिखने दिखाने में भी संस्कार है,
न राम राज्य है न किसीको जनता की फिकर है,
कहते रहते है भारत में लोकतंत्र की सरकार है,
न किसीकी चिंता है न शहीदों का ख्याल है,
उनही दोगले नेताओ की रहती दरकार है,
न किसी पर मान है न किसीका सम्मान है,
"पागल" कहता है सबके अंदर अहंकार है।
✍?"पागल"✍?