सुप्रभात मित्रो
समाप्त होते हुवे इस वर्ष में मेरे मन कर्म और वचन से अगर किसी को कोई ठेस पहुचा हो तो मैं अपने ह्रदय से माफी मांगता हूं ।
और ये कामना करता हु की आप का जीवन इस आने वाले नूतन वर्ष के प्रारंभ से ही खुशियो से ओत-प्रोत हो और आप सब प्रियजनों की पूरी जिंदगी में खुशियां भरी रहे और आपको आपकी मंजिल की प्राप्ति हो ।
आपका अपना दोस्त
दुर्गेश तिवारी