यूँ तो बस एक रवायत है दोस्ती,
मगर खुदा की इबादत है दोस्ती,
दिल दरिया में जैसे कंकर गिरा,
कुछ ऐसी ही शरारत है दोस्ती,
लोग ढूंढते है इसमें नफा ही नफा,
उनके लिये बस तिज़ारत है दोस्ती,
इश्क़ क्या आशिकी हम क्या जाने,
हमारी इकलौती महोब्बत है दोस्ती,
दोस्तों से धोखे बहोत खाये मगर,
क्या करे हमारी तो आदत है दोस्ती,
तू बस "पागल" का इम्तिहान लेती है,
तुझसे बस इतनी शिकायत है दोस्ती।
✍?"पागल"✍?