आज कल लोगों के बीच करार है,
इसीलिए तो रिश्तों में तकरार है,
सच्चे रिश्ते मिलते नही आज के दौर में
आज कल सच्चे रिश्तों की दरकार है,
प्यार का मोल नही रहा संसार में,
हर रिश्तों में घुसा हुआ कारोबार है
आज का रिश्तेदार ही धन दौलत है,
धन दौलत ही भाई भाई में दीवार है
धन से मुफ़लिस हूँ दोस्त फिरभी,
"पाग़ल" लोग मिलने को बेकरार है।
"पागल"