For.. मेरी @पगली.. ?
कुछ तो कशिश है @बेगम साहबा आपके इस प्यार में..
कुछ अजीब सा अहसास है आपसे सिखे गए यह प्यार में..
क्यूँ की जबसे आपने प्यार करना सिखाया तबसे हम सिर्फ और सिर्फ प्यार ही किए जा रहे है..
पहले तो हमें सिर्फ और सिर्फ आपसे प्यार करते थें पर अब तो हमें हर उस चीज से प्यार हो रहा है जो-जो हमसे जुडी हुई है..
ऐसे कौन करता है प्यार.? और ऐसे कौन सिखाता है प्यार..?
सच कहूं तो हो चुके है हम पूरे @पागल आपसेे सिखे गए यह प्यार से, और अब तो यह प्यार पागलपन में परिवर्तित हो गया है..
और कमबख़्त पागलपन पन भी कुछ इस कदर चढा है की अब तो यह @पगला जो जी में आए वह लिखते चला जा रहा है..
अब तो यह भी परवाह न रहीं की क्या सोचेंगे लोग और क्या कहेंगे लोग.. अब तो हम बस लिखा करेंगे यूँही रोज बरोज.. ?
હો चके તો मुझे ક્ષમા कलना ટ્યુટી मुझे હીંન્ડી लिखना નઠી आवडता હૈ.. ???