"निसबत" की कहानी में एक नई बात ये थी कि इसमें एक विचित्र पिता पुत्र के जटिल चरित्र को दिखाया गया था। इसमें पिता तो सत्रह साल के नवयुवक की तरह बर्ताव करने वाला मंदबुद्धि चरित्र था जबकि उसका 21 वर्षीय पुत्र बहुत समझदार, संजीदा और प्रौढ़ तरीके से सोचने वाला इंसान था। पुत्र पिता की हिफाज़त किसी गार्जियन की भांति करता था ताकि उनकी जग हंसाई न हो।
पिता एक महिला से आकर्षित होकर उसके प्रेम में पड़ गया। पुत्र ने अपनी मां के अधिकार को बचाने के लिए पिता का ध्यान महिला की मोहब्बत से हटाने की जी तोड़ कोशिश की। अपनी इस कोशिश में युवक स्वयं प्रौढ़ महिला का प्रेमी बन बैठा।
इस फ़िल्म के लिए राजेन्द्र कुमार, साधना, कुमार गौरव और माधुरी दीक्षित का नाम फाइनल किया जा रहा था किन्तु राजेन्द्र कुमार की बीमारी और निधन से यह फ़िल्म एक सपना बन कर रह गई।