बिनाका गीतमाला का नाम बाद में बदल कर सिबाका गीतमाला हो गया था। इस तरह इस लोकप्रिय कार्यक्रम ने अपना नाम ही नहीं, अपना मूड भी बीच बीच में बदला। यदि 1960 से 1970 की बात करें तो इसमें "प्यार किया तो डरना क्या,अहसान तेरा होगा मुझपर, राही मनवा दुःख की चिंता क्यों सताती है,बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं, जिस दिल में बसा था प्यार तेरा उस दिल को कभी का तोड़ दिया, चंदन सा बदन चंचल चितवन धीरे से तेरा यूं मुस्काना, बहारो फूल बरसाओ मेरा मेहबूब आया है, सावन का महीना पवन करे सोर, दिल विल प्यार - व्यार मैं क्या जानूं रे, कैसे रहूं चुप कि मैंने पी ही क्या है, बिंदिया चमकेगी, चूड़ी खनकेगी" जैसे गीत टॉप पर बजते रहे।