हे वन्दनीय !
आप का हमें छोड़कर जाना हमारे लिए अपूर्णनीय क्षति है। ये हमारा और हमारे देश का दुर्भाग्य है पर हम आँसू नहीं बहाएगें जिसने अपने तिरंगे का सिर नहीं झुकने दिया और मौत को भी हरा दिया, उसके सिर को हम मौत के सामने कैसे झुकने दे सकते हैं। श्रद्धेय अटल जी आप हमारे दिल में थे, हैं और सदा रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है वो हमें इतनी शक्ति दे कि आपके पदचिन्हों पर हम कम से कम एक कदम चल सकें। सिर्फ और सिर्फ यही हो सकती है हमारी आपके लिए सच्ची श्रद्धांजलि।