इस ओर हमारी घर की बातें
उस ओर अमेरिकी धमकी है,
जब यहाँ वेद-ऋचायें थीं
उसका नाम नदारद था।
इस ओर हमारा भारत है
उस ओर नटखट बूढ़ा बालक है,
कुटिल दृष्टि से देख रहा
राक्षस बन वह बोल रहा है।
महाभारत-रामायण की रेखायें
हम खींचते जाते हैं,
दुष्ट यहाँ भी बहुत हुये
हम राक्षस हराना जानते हैं।
*** महेश रौतेला