इश्क का रोग अब इस तरह सताने लगा है,
हर एक ख्वाब तेरी याद तड़पाने लगा है,
पास ना होकर भी तेरा एहसास होने लगा है,
आंखों में नींद न होकर भी तू इनमे आने लगा है,
मिलने का खुमार जीने की चाहत को बढ़ाने लगा है,
अल्फाज सुनकर दिल, उनके मोह में बंधने लगा है,
इश्क का रोग अब इस तरह सताने लगा है॥