आस-निरास के पलड़े दो हैं

मुस्कानों  संग आँसू क्यों हैं

जीवन की गति भूल भुलैया

सदा नचाती ता ता थैया। 

चलो स्वप्न देखे सब मिलकर 

आओ,निद्रा में खो जाएँ ----

शुभ रात्रि मित्रो 

डॉ प्रणव भारती 

Hindi Good Night by Pranava Bharti : 111843379

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