“किसी भी शर्त पर मंजूर उसकी कुर्बत थी,
जो दोस्ती है अभी कल वही मोहब्बत थी।
वह बात सोच कर मैं जिसको मुद्दतों जीता,
बिछड़ते वक़्त बताने की क्या जरूरत थी।।”

Hindi Shayri by Jatin Tyagi : 111823400
SHUBHAM SONI 2 year ago

क्या बात है 👌👌👌

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