नमन,तुम्हें....

ऐ वीरोंजय भारत-भूमि

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ऐ वीरों नमन तुमको,देश की तुम जवानी हो

साँस तुम ही तो हो देश की,धड़कनों. की.रवानी

होपूजा हो तुम,तुम्ही अर्चना, कामना सब दिलों की तुम्ही

तुम पे साँसे न्योछावर करें,देश की ज़िंदगानी हो।

कितनी आँधी चली हैं यहांँ तुमने सबको ही तो मात दी

कैसी कैसी सहीं पीड़ा, देश की तुमने रक्षा करी

सब ही सहते हो तुम मौसम, चाहे खुशियां हों चाहे ग़म

सीने पे खाते हो गोलियाँ, हम सभी को ज़ुबानी हो ।

राजगुरु और सुखदेव की थी परीक्षाएँ  कितनी कड़ी

की न साँसों की परवाह कभी,धूप हो चाहे कितनी खड़ी

वीर सावरकर के हो अंश तुम,तुम उन्हीं की निशानी हो।

इश्क मेरा यही देश है, मेरा ईश्वर को संदेश है

मैं तो बरगद की बूढ़ी हवा, जो भुला देती अपना पता

मेरी रग रग में माटी तेरी, मेरी साँसों में खुश्बू तेरी

मेरे माथे पे हरपल सजे ऐसी बिंदिया सुहानी हो।

डॉ.प्रणव भारती

Hindi Poem by Pranava Bharti : 111781044
Pranava Bharti 2 year ago

धन्यवाद आपका

shekhar kharadi Idriya 2 year ago

अत्यंत राष्ट्र प्रेम प्रेरित रचना.....

Pranava Bharti 2 year ago

शुक्रिया

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