5 दोहे

1 आस्था
आस्था अरु विश्वास ही, ईश्वर से सत्संग।
सदाचार जीवन रहे, मानवता हो संग।।
2 शांति
विश्व शांति चहुँ ओर हो, मानवता की जीत।
मानव सुख की कल्पना, से बनते मनमीत।।
3 रूपसी
देख रूपसी नार को, मन होता बेजार।
घायल दिल तब माँगता, उससे ही उपचार।।
4 क्रंदन
तालिबान की सोच से,बहा लहू अफगान।
क्रंदन करता है मनुज, बना है कब्रिस्तान।।
5 कलरव
वृक्षों पर कलरव करें, पक्षी सुबहो-शाम।
घर आँगन में गूँजता, भक्ति भाव हरिनाम।।

मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "

Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111754814
Manoj kumar shukla 3 year ago

धन्यवाद भैया

shekhar kharadi Idriya 3 year ago

उत्कृष्ट प्रस्तुति

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