पलट कर बेड पर देखा। मम्मा वहाँ नहीं थी पर सामने खिड़की से सूरज कमरे में घुसने की कोशिश कर रहा था। मैंने घड़ी को घूरा, उसने तुरंत बताया...... बारह बजकर चालीस मिनट।

आज अनाहिता की ज़िन्दगी का एक बहुत ख़ास दिन है। आज वो अपनी मम्मा के साथ "घर" जाने वाली है। क्या अनाहिता का ये ख़ास दिन वाकई ख़ास बन पाया.....!!!

जानने के लिए पढे़ं हमारा ब्लॉग "नया जन्म - भाग 9"

https://priyan-sri.blogspot.com/2021/02/9.html

आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में 🙏

Hindi Blog by Priyan Sri : 111664962
Priyan Sri 3 year ago

शुक्रिया बंधु 🙏

Priyan Sri 3 year ago

धन्यवाद 🙏

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now