जहां में ऐसा कौन है जिसको गम नहीं मिलते,
अरे मिलते हैं ज्यादा तो किसी को कम नहीं मिलते,
बाग बाकी शरारतें चमन को खाक कर डाला,
अगर अपने नहीं मिलते तो "मित्र" को गम नहीं मिलता।

✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏

Hindi Shayri by मनिष कुमार मित्र
मनिष कुमार मित्र" 3 year ago

आपका तहेदिल से शुक्रिया हार्दिक धन्यवाद 🙏

मनिष कुमार मित्र" 3 year ago

हार्दिक धन्यवाद 🙏

shekhar kharadi Idriya 3 year ago

वाह.. शानदार, बेमिसाल

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