आदत हो गई है....

मोहब्बत अब नहीं शायद, मगर दिल की यह आदत हो गई है,
तेरा रास्ता नहीं देखना चाहता, मगर देखने की आदत हो गई है।

बहुत दिनों से सोचता हूं, अब तुझे याद ना करूं मैं,
मगर मेरी दुनिया में अब, सिर्फ तेरी यादें ही बाकी है।

कभी बारिशों में हम तुम,साथ साथ चलते थे,
मगर अब बारिशों में बरसना, हमारी निगाहों की आदत हो गई है।

अब तो ख्वाबों ख्यालों में जिंदगी बसाए हुए हैं,
हकीकत में तो "मित्र" जिंदगी बहुत ही फीकी सी लगती है।

✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏

Hindi Poem by मनिष कुमार मित्र
मनिष कुमार मित्र" 3 year ago

हार्दिक धन्यवाद 🙏

मनिष कुमार मित्र" 3 year ago

हार्दिक धन्यवाद 🙏

मनिष कुमार मित्र" 3 year ago

शेखर जी तहेदिल से शुक्रिया धन्यवाद

shekhar kharadi Idriya 3 year ago

वाह... बहुत खूब, बेहतरीन

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