ये जो ,
शब्दों का इन्द्रधनुष सा बना दिया है
तुमने,
अपने और मेरे बीच
ये जो हंसी के तमाम फूल बिखेर दिए हैं
ये जो भावनाओं की आश्वस्ति के सुदृढ़ घेरे में बांधे हो मुझे
ये जो बच्चों जैसा दुलार न्योछावर करते हो मुझ पर
ये जो कहते हो कि तुम निश्चिंत रहो सदा ,
मैं हूँ ना

ये जो एकटक मुझे देखने की चाहत है
ये जो करिश्माई सी दुनिया खड़ी कर दी है सुकून की
ये जो मिटा दी है अतीत की सब कड़वाहट
ये जो जीवंत कर दिया अनकहा सा रिश्ता
ये जो इतना विस्तृत हो गये हो मुझमें कि एक नया ठहराव पा गयी हूँ खुद में

ये जो अलग से अंदाज हैं तुम्हारे, मेरे लिए
ये जो तुम हो कि मेरी खामोशी में मुझे सुन रहे हो
ये जो मेरै बगैर कहे समझ जाते हो मेरे मन को
ये जो इतना गहरे होकर जी रहे मुझे कि मैंने खुद को भी जाना न था

ये जो मेरे कंधे पर हाथ आ गया है तुम्हारा
ये जो निश्छल प्रेम और हंसी का यथार्थ है
इसने अभिभूत कर दिया है
सरोबार कर दिया है
और मैंने तुम्हें अंजुरी में नहीं
बल्कि ह्रदय से ह्रदय में समेट कर रख लिया है

Hindi Poem by Ridj : 111595396
Ridj 4 year ago

Thank you 😊

Ridj 4 year ago

Thank you 😊

Ridj 4 year ago

Thank you 😊

shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अत्यंत सुंदर

Jay Purohit 4 year ago

superb.....fentastic emotional feelings

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