मातृ भारती के लिए 5 दोहे

1 कानून
बने सभी कानून हैं, अमल करेगा कौन ।
अपराधी भी समझते,सज्जनता है मौन ।।

2 सरकार
चुनी हुई सरकार जब, करती है कुछ काम ।
पर विरोध के नाम पर, कुछ नेता बदनाम ।।

3 झंकार
संकट जब हो देश में, गूँज उठे झंकार ।
देशभक्ति उर में जगे, दुश्मन को दें मार।।

4 मशाल
जागरूकता है यही, थामे रहें मशाल।
इनके बल पर ही सदा, सद्गुण मालामाल।।

5 उन्वान
सीमा की रक्षा करें, देश भक्ति उन्वान।
ऐसे जज्बे को नमन, दे देते बलिदान।।

मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
9 अक्टूबर 2020

Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111588812

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