तुम्हारी हर समश्या का कारण भी मैं,
तुम्हारी हर समश्या का निवारण भी मैं।
ऐसे वाक्य बोलनेवाली एकभी व्यक्ति आपके जीवनमे हो,तो समजो तुम्हे दुनियाकी सारी खुशिया मिल गई।
रिश्ता वही होता हे,जिसमे सिर्फ प्रेम ही नही एक दूजे के लिए लड़ाई भी होती हो,एक दूजे की चिंता होती हो।
बाकि सोच और व्यहवार तो खुद राधा और कृष्ण के भी अलग अलग थे लेकिन मंजिल एक ही थी,रिश्ते में श्रद्धा।
जिसकी आदत से आपको प्रेम हो,तो उसके व्हेवार में ध्यान नही देना चाहिए,क्योंकि उसे आपसे प्यार होगा तो वो आपको सरेआम बदनाम कभी नही करेंगे।
Dp,"प्रतिक"