इश्क का रंग बदला है
जीने का ढंग बदला है
बीच से प्यार महोब्बत के
सुना है रस्ता निकला है

किसने कँहा के प्यार बस ईकबार होता है
यँहा हर रोज कोई किसीको खोता है
दामन किसीका छूटे तो
साथ किसीका मिला है

अब ना किसे तक़रार,कोई कंही से मुड़ जाये
अब वो प्यार कँहा जो परवान चढ़ जाये
वक़्त के संग आशिक
गिर के सँभला है

क्या पता किसी और को या खुदको फसाते है
शादीशुदा भी आजकल इश्क़ लड़ाते है
दिल कभी किसीका
तो कभी पाँव फिसला है
बीच से प्यार महोब्बत के
सुना है रस्ता निकला है

Sagar...✍️

Hindi Poem by सागर... : 111484201
Sangita 4 year ago

प्यार का अपडेट version का चित्र

shekhar kharadi Idriya 4 year ago

बहुत खूब...

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