बावरा मन..!!

तुम कोई पाइनेप्पल केक तो नहीं
या फिर कोई वनीला आइसक्रीम
जिसे देखते ही मन खुशी से भर जाए

तुम कोई रेड चेरी लिपस्टिक तो नहीं
या के कोई बनारसी साड़ी जिसे पाने
को मन लालायित हो उठे.....

तुम तो मेरे लिए हो मटके का ठंडा जल हो
या फिर बांस का बना हुआ पंखा जिसे झलने
पर चेहरे का पसीना सूख जाता है...

तुम्हें देखकर सांसें नहीं रूकती वो तो
चलने लगती है ये देखकर कि तुम हो
मेरे पास हो, मेरी जिन्दगी में हो....

तुम पास होते हो तो लगता हैं कि मैं
कितनी अमीर हूं, तुम हो तो मैं तृप्त
हूं, संतुष्ट हूं,पूर्ण हूं,खुश हूं...

तुम मेरे साथ दिन रात तो नहीं रह सकते
लेकिन मैं तुम्हारे बिन जीने का सोच भी
नहीं सकती,क्या करूं बावरा मन है मेरा..!!

SAROJ VERMA...

Hindi Poem by Saroj Verma : 111473300
rajendra shrivastava 4 year ago

मन को प्रभावित किया

Priyan Sri 4 year ago

अद्भुत... 👏👏

Saroj Verma 4 year ago

बहुत बहुत शुक्रिया जी🙏🙏😊😊

Saroj Verma 4 year ago

बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏😊

Pawan Singh 4 year ago

सही कहा आपने, सन्तोष में ही असली सुख है ।👌👍

Saroj Verma 4 year ago

आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया 🙏🙏😊

Saroj Verma 4 year ago

बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏😊

Saroj Verma 4 year ago

बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏😊

Prem Nhr 4 year ago

इस स्थिति में मन प्रकृति से निकटता का अनुभव करता है, जहाँ द्वेष का कोई स्थान नहीं होता होता है तो केवल समर्पण का भाव...।

Brijmohan Rana 4 year ago

बेहतरीन दिल के भावो को सजाया ,वाहहहहहहहहहहहह ।

Saroj Verma 4 year ago

बहुत बहुत शुक्रिया 🙏🙏😊

shekhar kharadi Idriya 4 year ago

वाह.. अद्भुत एवम ह्रदय को स्पर्शित कर दे ऐसी सर्व गुण संपन्न सृजन शैली..

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now