क्यु है बैचैन क्या है खोने के लिए
आँख नही है सिर्फ रोने के लिए

समंदर भरा पड़ा है खारे पानी से
क्या लेना किसे बेजुबाँ आंसू से
कोई भाषा नहीं आंसू पढ़ने के लिए
आँख नही है सिर्फ रोने के लिए

ले देकर कौन कितना जीता है यँहा
हाँ कुछ लोग है किताब मे जमां
किताबका इस्तमाल नींद आनेके लिए
आँख नही है सिर्फ रोने के लिए

Sagar...✍️

Hindi Poem by सागर... : 111472156
shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अति सुंदर...

Sangita 4 year ago

दर्द मैं डूबा दास्तान

सागर... 4 year ago

धन्यवाद सर

Brijmohan Rana 4 year ago

बेहतरीन रचना ,शानदार सृजन ।

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