चूड़ियां केवल चूड़ियां नहीं होती और ना ही केवल श्रृंगार के लिए प्रयोग की जाने वाली कोई वस्तु हैं।
प्रेयसी की कलाई में चूड़ी जब खनकती है, तो उसकी मधुर तान प्रेमी के हृदय में झंकृत हो उठती है। वह प्रेम के योग की साधना कर प्रेम की और गहराई में गोते लगाने लगता है। वह स्वयं को उस मधुर झनकार में समाहित कर देता है। प्रेमी को इन खनकती चूड़ियों से उतना ही प्रेम होता है, जितना प्रेयसी से।

चित्र- हमारा ही है
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Hindi Thought by Roopanjali singh parmar : 111463407
Roopanjali singh parmar 4 year ago

जी आभार सर जी🙏🙏

Roopanjali singh parmar 4 year ago

आभार आपका🙏🙏

Roopanjali singh parmar 4 year ago

जी शुक्रिया आपका🙏🙏

shekhar kharadi Idriya 4 year ago

यर्थाथ सत्य कथन...

Brijmohan Rana 4 year ago

बेहतरीन

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