तेरे आने की आहट,
क़दमों की सरसराहट..
गुनगुनादो कोई धुन संगीत बनकर..
तेरी गोद में सर हो,
और एक सुकून भरी नींद,
के फिर कभी नींद की तमन्ना ना रहे..
के फिर कभी ज़िन्दगी की चाहत ना रहे..
चले आओ किसी रोज़ तुम हक़ीक़त बनकर..
चले आओ किसी रोज़ क़यामत साथ लेकर..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111385229
Sarita Sharma 4 year ago

धन्यवाद...

Brijmohan Rana 4 year ago

बेहतरीन सृजन ,वाह वाह ।

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