कल एक चांदनी रात थी
जब मैं तुम्हारे साथ थी
और तुम मेरा एक चित्र बना रहे थे
बहाना मिल गया तुम्हें मुझे छूने का
तेरा स्पर्श ही था चांदनी में मेरा स्नान
मेरे तन वदन में हो रहा था स्पंदन
वो तस्वीर ले कर हो गए तुम गुम
पर मेरी आँखों में छोड़ गए अपनी छवि तुम
वो तस्वीर मुझे आज भी कर रही है बदनाम
तस्वीर मिटाने की सारी कोशिशें हुईं नाकाम
#चित्र