अटल युग
********

निशब्द है धरा भी , असमान भी खामोश है,
बोलती है कलमें, अटल युग ही खामोश है।

बोलते हैं शब्द, बातें कर रही है कहानियाँ,
बार बार दौराहाती,अटल युग की कहानियां।

गूँज उठा अंबर भी , तोपे दे रही सलामियाँ,
लिख रही कलम, अटल युग की कहानियां।

थम गई है आज साँसे, नाम अमर कर गये,
अटल रहे, अटल जीये,नाम अटल कर गये।

Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Poem by Uma Vaishnav : 111237043
Uma Vaishnav 5 year ago

? धन्यवाद जी ?

Uma Vaishnav 5 year ago

? धन्यवाद जी ?

Uma Vaishnav 5 year ago

? धन्यवाद जी ?

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now