मांग मेरे बंदे वो सबकुछ जो तेरी चाहत हो।
बस याद रख कि तेरी दुआ से न कोई आहत हो।।

और हो सके तो कर कोशिश तू ये भी मेरे बंदे
कबूल हुई तेरी दुआ से पूरे शहर को भी राहत हो।।

एड. नवीन बिलैया(निक्की भैया)
सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक

Hindi Shayri by एड. नवीन बिलैया लेखक : 111039601

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