hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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लागा चुनरी में दाग़--भाग(३०) By Saroj Verma

और प्रत्यन्चा को देखते ही उन्होंने उससे पूछा.... "आप और यहाँ" लेकिन प्रत्यन्चा के पास उनके सवाल का कोई जवाब ना था,वो भला कहती भी क्या कि उस पर चोरी का झूठा इल्जाम लगाकर उसे दीवान स...

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मेरा भाई भाग - 2 By Naaz Zehra

अगर तुम ऐसे ही जिद करोगी तो भगवान जी तुम्हारे भाई को वापस ले लेंगे इसलिए मेरी बात समझो करना रमन की बात सुनकर चुप हो गई और फिर बोली ठीक है बाबा मैं भाई का इंतजार करूंगी कान्हा जी ने...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 2 By Tripti Singh

आज बुआ जी त्रिवेणी के घर रिश्ता लेकर जाने वाली थी जिसके कारण वो सुबह से ही उसकी तैयारी में लगी हुई थी (मुझे रिश्ता ले जाने या आने के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं इसीलिए कोई भी गलती...

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अमाइरा त्रिपाठी By Shiv Divyansh Pathak

मैं अमाइरा त्रिपाठी। नाम थोड़ा अनयुज्युअल है ना। मेरी कहानी भी अनयुज्युअल है। मेरी ज़िंदगी भी थोड़ी अजीब है। मैं इस समय वाइब्स - जो कि एक ott प्लेटफॉरर्म है- कि क्रिएटिव हेड हूँ। एंड...

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गुलाबो - भाग 28 By Neerja Pandey

भाग 28पिछले भाग में आपने पढ़ा कि जगत रानी रज्जो और बच्चे को ले कर घर आती है। पूजा पाठ हो जाने के बाद जय अम्मा के रोकने के बाद भी रज्जो को ले कर चला आता है। वो नही चाहता था की रज्जो...

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बेटी (सचमुच खुशियों का खजाना) By DINESH KUMAR KEER

बेटी (सचमुच खुशियों का खजाना) घर में बहुत ही खुशियों भरा दिन था। शोर उठने बाद चारों ओर बधाई गीत सुनाई दे रहे थे। घर के आँगन में पडोस की औरतें बच्ची के जन्म पर गारी और गीत ढोलक की छ...

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मायका एक सुकून का घर By Sarika Sangani

गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई। साथ ही किट्टी पार्टी की तारीखों में फेरबदल शुरू हो गए। भाई क्यों न हो, आखिर सबको मायके जो जाना था। बस एक रूपाली को ही वेकेशन न था। सब सहेलियां अपने ट...

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महारानी By prabha pareek

महारानी काली कलूटी महारानी के आगे रूपसी नीता हमेशा दबी रहती। घर में रौब चलता उसका....नीता सुबह उठ कर पति सेे राय लेती अवश्य थी कि क्या बनेगा? कब बनेगा... पर उसे पूरे अधिकार से निरस...

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बदरंग जीवन के उजले रंग By bhagirath

  बदरंग जीवन के उजले रंग        वह अक्सर उन लोगों की रिक्वेस्ट मंजूर करता है जो पत्रकार हो, साहित्य से जुड़े कवि, कथाकार या व्यंग्यकार हो। कलाकार हो तो उनकी रिक्वेस्ट भी स्वीकार कर...

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महानिशां कि ममतामयी माँ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

महानिशा कि ममतामयी माँ---जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ?जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद कोअसमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सव...

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बिंदास जीने के मायने By bhagirath

      बिंदास जीने के मायने         
  उमरा का व्हाट्सउप मेसेज खोला। गुड मोर्निंग मैसेज के साथ अपना फुल साइज़ फोटो।   ‘वाऊ सो ब्यूटीफुल!’                                             ...

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अ फ्रेश रिलेशनशिप By bhagirath

   अ फ्रेश रिलेशनशिप       सुनील अपना एटीएम कार्ड ढूंढ रहा था। वह मन ही मन सोच रहा था, ‘शायद मेरे ब्रीफकेस में हो।’ वह अलमीरा खोलकर ब्रीफ केस निकाल ही रहा था कि ब्रीफ केस   फर्श पर...

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प्यार की अर्जियां - 34 (अंतिम भाग) By Mini

संदीप और कन्या अपने गृहस्थी जीवन बड़े खुश रहते हैं , बेबे को संदीप के बात कहें याद आती है कि वो बच्चे गोद ले लेगा ,, फिर सोचती है संदीप शादी करके भी वो कुंवारा ही रह जाएगा ,क्या सं...

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मुझे न्याय चाहिए - भाग 17 - अंतिम भाग By Pallavi Saxena

भाग -17   रुक्मणी जी रसोई में जाकर रेणु के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती हैं, ‘बहू डरो नहीं, अब इसे अपना ही घर समझो’ धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा. और तुम तो जानती ही हो कि अक्कू जैसे लोगो...

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लागा चुनरी में दाग़--भाग(३०) By Saroj Verma

और प्रत्यन्चा को देखते ही उन्होंने उससे पूछा.... "आप और यहाँ" लेकिन प्रत्यन्चा के पास उनके सवाल का कोई जवाब ना था,वो भला कहती भी क्या कि उस पर चोरी का झूठा इल्जाम लगाकर उसे दीवान स...

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मेरा भाई भाग - 2 By Naaz Zehra

अगर तुम ऐसे ही जिद करोगी तो भगवान जी तुम्हारे भाई को वापस ले लेंगे इसलिए मेरी बात समझो करना रमन की बात सुनकर चुप हो गई और फिर बोली ठीक है बाबा मैं भाई का इंतजार करूंगी कान्हा जी ने...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 2 By Tripti Singh

आज बुआ जी त्रिवेणी के घर रिश्ता लेकर जाने वाली थी जिसके कारण वो सुबह से ही उसकी तैयारी में लगी हुई थी (मुझे रिश्ता ले जाने या आने के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं इसीलिए कोई भी गलती...

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अमाइरा त्रिपाठी By Shiv Divyansh Pathak

मैं अमाइरा त्रिपाठी। नाम थोड़ा अनयुज्युअल है ना। मेरी कहानी भी अनयुज्युअल है। मेरी ज़िंदगी भी थोड़ी अजीब है। मैं इस समय वाइब्स - जो कि एक ott प्लेटफॉरर्म है- कि क्रिएटिव हेड हूँ। एंड...

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गुलाबो - भाग 28 By Neerja Pandey

भाग 28पिछले भाग में आपने पढ़ा कि जगत रानी रज्जो और बच्चे को ले कर घर आती है। पूजा पाठ हो जाने के बाद जय अम्मा के रोकने के बाद भी रज्जो को ले कर चला आता है। वो नही चाहता था की रज्जो...

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बेटी (सचमुच खुशियों का खजाना) By DINESH KUMAR KEER

बेटी (सचमुच खुशियों का खजाना) घर में बहुत ही खुशियों भरा दिन था। शोर उठने बाद चारों ओर बधाई गीत सुनाई दे रहे थे। घर के आँगन में पडोस की औरतें बच्ची के जन्म पर गारी और गीत ढोलक की छ...

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मायका एक सुकून का घर By Sarika Sangani

गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई। साथ ही किट्टी पार्टी की तारीखों में फेरबदल शुरू हो गए। भाई क्यों न हो, आखिर सबको मायके जो जाना था। बस एक रूपाली को ही वेकेशन न था। सब सहेलियां अपने ट...

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महारानी By prabha pareek

महारानी काली कलूटी महारानी के आगे रूपसी नीता हमेशा दबी रहती। घर में रौब चलता उसका....नीता सुबह उठ कर पति सेे राय लेती अवश्य थी कि क्या बनेगा? कब बनेगा... पर उसे पूरे अधिकार से निरस...

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बदरंग जीवन के उजले रंग By bhagirath

  बदरंग जीवन के उजले रंग        वह अक्सर उन लोगों की रिक्वेस्ट मंजूर करता है जो पत्रकार हो, साहित्य से जुड़े कवि, कथाकार या व्यंग्यकार हो। कलाकार हो तो उनकी रिक्वेस्ट भी स्वीकार कर...

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महानिशां कि ममतामयी माँ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

महानिशा कि ममतामयी माँ---जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ?जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद कोअसमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सव...

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बिंदास जीने के मायने By bhagirath

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अ फ्रेश रिलेशनशिप By bhagirath

   अ फ्रेश रिलेशनशिप       सुनील अपना एटीएम कार्ड ढूंढ रहा था। वह मन ही मन सोच रहा था, ‘शायद मेरे ब्रीफकेस में हो।’ वह अलमीरा खोलकर ब्रीफ केस निकाल ही रहा था कि ब्रीफ केस   फर्श पर...

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प्यार की अर्जियां - 34 (अंतिम भाग) By Mini

संदीप और कन्या अपने गृहस्थी जीवन बड़े खुश रहते हैं , बेबे को संदीप के बात कहें याद आती है कि वो बच्चे गोद ले लेगा ,, फिर सोचती है संदीप शादी करके भी वो कुंवारा ही रह जाएगा ,क्या सं...

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मुझे न्याय चाहिए - भाग 17 - अंतिम भाग By Pallavi Saxena

भाग -17   रुक्मणी जी रसोई में जाकर रेणु के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती हैं, ‘बहू डरो नहीं, अब इसे अपना ही घर समझो’ धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा. और तुम तो जानती ही हो कि अक्कू जैसे लोगो...

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