hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • राधिका

    5 दिसंबर 1975 को जन्मी थी हमारी नायिका....... हाँ शायद नायिका कहना ही ठीक होगा क...

  • औरतों की दुनिया

    औरतों की दुनिया (कहानीः पंकज सुबीर) ‘‘आज फिर देर हो गई ?’’ सुमित्रा ने पति के कं...

  • नींव

    न चाहते हुए भी विजय और मीना को बेटी की जिद्द के आगे झुकना पडा था।नीरजा डॉक्टर थी...

नारीयोत्तम नैना - 15 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

नारीयोत्तम नैना भाग-15 सभी रस्सी पर लटक गये। उन्होंने रस्सी पकड़कर धीरे-धीरे आगे की ओर खिसकना आरंभ किया। दलदली भूमि जैसे-तैसे पार हो गयी। पहाड़ पर चढ़ाई के पुर्व ही रात्रि घिर आई।...

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नफ़ीसा By PANKAJ SUBEER

नफ़ीसा कहानी पंकज सुबीर ‘‘मुँहजलों, खंजीर की औलादों तुम्हारे माँ बापों ने ये ही सिखाया है कि दूसरों के घरों में जाकर चोरियाँ करो’’ आज फिर नफ़ीसा का पारा सातवें आसमान पर है, पूरे मोहल...

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वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 2 By Uday Veer

1 दिन उसकी मां को याद आता है, कि उसकी बेटी तो अब शादी लायक भी हो गई है, उसकी शादी करने का समय भी तो करीब आता जा रहा है, उसे यह समझ नहीं आ रहा था, कि आज तक उसे इस बात का ख्याल क्यों...

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आघात - 3 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 3 चमन कौशिक डी.एन. इन्टर काॅलिज में अध्यापक थे । उनकी आयु लगभग छप्पन वर्ष की थी । छल-कपट और द्वेष-भाव से दूर वे भ्रष्टाचार के युग में इमानदारी के प्रतिनिध् िथ...

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राधिका By आयुषी सिंह

5 दिसंबर 1975 को जन्मी थी हमारी नायिका....... हाँ शायद नायिका कहना ही ठीक होगा क्योंकि उसके माता पिता ने जो खूबसूरत नाम "राधिका" उसे दिया था उस नाम को उसके माता पिता के अलावा शायद...

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हैवनली हैल - 3 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

हैवनली हैल नीलम कुलश्रेष्ठ (3) ``सॉरी री मैडम !आई एम होल्डिंग यू टुडे. प्लीज़ ! सिट डाउन. `` मजबूरन उसे बैठना पड़ा था. ``इतने दिनों बाद आए हो. अच्छी अच्छी बात करो. अच्छा बताओ आई एम...

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औरतों की दुनिया By PANKAJ SUBEER

औरतों की दुनिया (कहानीः पंकज सुबीर) ‘‘आज फिर देर हो गई ?’’ सुमित्रा ने पति के कंधे पर टँगा बैग उतारते हुए धीमे से पूछा। ‘‘हाँ, आज भी वही सब हुआ, पूरे दिन कचहरी में खड़ा रहा तब जाकर...

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सुहागरात By Dr Dilbagh Virk

सुहागरात मीनू का पारा चढ़ा हुआ था| शायद वह कहीं से लड़ कर आई थी| आते ही अंटी ने उसे मुकेश को साथ ले जाने को कहा| दांत पीसते हुए वह मुकेश को पीछे आने का इशारा करके आगे चल पड़ी| वह मुके...

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नींव By Kishanlal Sharma

न चाहते हुए भी विजय और मीना को बेटी की जिद्द के आगे झुकना पडा था।नीरजा डॉक्टर थी।वह एक अस्पताल मे नौकरी करती थी।दिन मे अस्पताल मे उसे एक मिनट की भी फुर्सत नही मिलती थी।रात को घर आन...

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हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली - 3 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (3) दिन घिसट रहे हैं, रेंग रहे हैं ---जैसे हेतल के आँसू. कब तक वह् स्कूल ना जाती ?कब तक वह् मीडिया के सामने नहीं आती ?उसे भी लग रहा है वह् कैमरे के सामने...

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फाँस By Rajesh Bhatnagar

फाँस कमली न जाने क्यों मन में ईर्ष्या की गांठ लिये बड़ी देर तक मकान के छज्जे की छाया में बैठकर ऊंचे तारागढ़ की चोटी से मंथर गति से उतरती उस छांव को एकटक देखती रही जो पहाड़ से उतरकर न...

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औकात By shilpi krishna

' औकात ' "तुम्हारी औकात हैं इतने महंगे कपड़े लेने की , कभी माँ - बाप ने इतने महंगे कपड़े पहनाये हैं तुम्हे .....?" राजीव ने हिकारत से रश्मि से कहा । वो दोनो शॉपिंग करने मार...

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खुशियाँ लौट आयी By Satender_tiwari_brokenwordS

बारात दरवाज़े पे थी ।स्वागत में पूरा परिवार था , की तभी दूल्हे (अमन)के घर से फ़ोन आता है कि माँ की तबियत फिर बिगड़ गयी। पड़ोस के चाचा अस्पताल लेकर गए हैं। असल में माँ की तबियत सुबह सुब...

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फ़ैसला - 14 - अंतिम भाग By Rajesh Shukla

फ़ैसला (14) आज शायद इस मुकदमे का आखिरी दिन हो। यही बैठे-बैठे कमरें मंे सिद्धेश सोच ही रहा था कि अचानक उसका मोबाइल बजा। उसने उठाकर देखा तो डा. के.डी. लाइन पर थे। हैलो ! डा. साहब! सिद...

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सबरीना - 32 - अंतिम भाग By Dr Shushil Upadhyay

सबरीना (32) ‘कभी लौटकर आओगे प्रोफेसर!’ सबरीना, डाॅ. मिर्जाएव, छोटा चारी एयरपोर्ट पर सुशांत को छोड़ने आए थे। जारीना नहीं आई थी। दानिश आया था, उसे देखकर सुशांत को अच्छा लगा। अभी वो पू...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) - अध्याय १४. By DILIP UTTAM

-----अध्याय १४."शिक्षा कहाँ?"---- शिक्षा का भेदभाव आज भी बड़े स्तर पर परिवार वालों के चलते ही होता है, लड़कियां पढ़ नहीं पाती, उनकी सोच है कि लड़की पढ़ जाएगी तो मनमानी करेगी, अरे...

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सजा, एक पुराना गुनाह By Shweta Sharma

" शेखर, मिली मेरी बेटी?" रिचा ने हड़बड़ाते हुए अपने पति से पूछा, जो अभी अभी बाहर से आया है। " कहीं नहीं मिली सब जगह देख लिया।" दुखी होते हुए शेखर ने जवाब दिया। " हाय! मेरी बच्ची कह...

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HELP ME APP By Rudra S. Sharma

जहाँ देखो वहाँ सभी जगह मासूम लड़कियों के साथ बर्बरता से बलात्कार की खबरें आम हो गई है।पूरा देश इस घिनोने अपराध को अनेको प्रयासों के पश्चात भी होने से नहीं रोक पा रहा है ।HELP ME APP...

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शादी व आत्मसम्मान By Saroj Prajapati

विमला जी आज सुबह से ही अपनी बेटी आरती के आने का इंतजार कर रही थी। उसकी शादी अभी 2 महीने पहले ही हुई थी। शादी के बाद पहली बार वह रुकने आ रही थी ‌ विमला जी की तो पूरी दुनिया ही आरती...

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कड़वा सच By Chandni Sethi Kochar

कड़वा सच मधु सुबह से आज बहुत परेशान थी, क्योंकि उसको आज महसूस हो गया, कि वह कितनी भी अच्छी क्यों ना हो जाए , लेकिन रहेगी हमेशा एक बहु ही ! बहु जितनी भी बेटी बनने की कोशिश कर ले ,...

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नारीयोत्तम नैना - 15 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

नारीयोत्तम नैना भाग-15 सभी रस्सी पर लटक गये। उन्होंने रस्सी पकड़कर धीरे-धीरे आगे की ओर खिसकना आरंभ किया। दलदली भूमि जैसे-तैसे पार हो गयी। पहाड़ पर चढ़ाई के पुर्व ही रात्रि घिर आई।...

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नफ़ीसा By PANKAJ SUBEER

नफ़ीसा कहानी पंकज सुबीर ‘‘मुँहजलों, खंजीर की औलादों तुम्हारे माँ बापों ने ये ही सिखाया है कि दूसरों के घरों में जाकर चोरियाँ करो’’ आज फिर नफ़ीसा का पारा सातवें आसमान पर है, पूरे मोहल...

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वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 2 By Uday Veer

1 दिन उसकी मां को याद आता है, कि उसकी बेटी तो अब शादी लायक भी हो गई है, उसकी शादी करने का समय भी तो करीब आता जा रहा है, उसे यह समझ नहीं आ रहा था, कि आज तक उसे इस बात का ख्याल क्यों...

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आघात - 3 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 3 चमन कौशिक डी.एन. इन्टर काॅलिज में अध्यापक थे । उनकी आयु लगभग छप्पन वर्ष की थी । छल-कपट और द्वेष-भाव से दूर वे भ्रष्टाचार के युग में इमानदारी के प्रतिनिध् िथ...

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राधिका By आयुषी सिंह

5 दिसंबर 1975 को जन्मी थी हमारी नायिका....... हाँ शायद नायिका कहना ही ठीक होगा क्योंकि उसके माता पिता ने जो खूबसूरत नाम "राधिका" उसे दिया था उस नाम को उसके माता पिता के अलावा शायद...

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हैवनली हैल - 3 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

हैवनली हैल नीलम कुलश्रेष्ठ (3) ``सॉरी री मैडम !आई एम होल्डिंग यू टुडे. प्लीज़ ! सिट डाउन. `` मजबूरन उसे बैठना पड़ा था. ``इतने दिनों बाद आए हो. अच्छी अच्छी बात करो. अच्छा बताओ आई एम...

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औरतों की दुनिया By PANKAJ SUBEER

औरतों की दुनिया (कहानीः पंकज सुबीर) ‘‘आज फिर देर हो गई ?’’ सुमित्रा ने पति के कंधे पर टँगा बैग उतारते हुए धीमे से पूछा। ‘‘हाँ, आज भी वही सब हुआ, पूरे दिन कचहरी में खड़ा रहा तब जाकर...

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सुहागरात By Dr Dilbagh Virk

सुहागरात मीनू का पारा चढ़ा हुआ था| शायद वह कहीं से लड़ कर आई थी| आते ही अंटी ने उसे मुकेश को साथ ले जाने को कहा| दांत पीसते हुए वह मुकेश को पीछे आने का इशारा करके आगे चल पड़ी| वह मुके...

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नींव By Kishanlal Sharma

न चाहते हुए भी विजय और मीना को बेटी की जिद्द के आगे झुकना पडा था।नीरजा डॉक्टर थी।वह एक अस्पताल मे नौकरी करती थी।दिन मे अस्पताल मे उसे एक मिनट की भी फुर्सत नही मिलती थी।रात को घर आन...

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हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली - 3 - अंतिम भाग By Neelam Kulshreshtha

हूँ तो ढिंगली, नानी ढिंगली (3) दिन घिसट रहे हैं, रेंग रहे हैं ---जैसे हेतल के आँसू. कब तक वह् स्कूल ना जाती ?कब तक वह् मीडिया के सामने नहीं आती ?उसे भी लग रहा है वह् कैमरे के सामने...

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फाँस By Rajesh Bhatnagar

फाँस कमली न जाने क्यों मन में ईर्ष्या की गांठ लिये बड़ी देर तक मकान के छज्जे की छाया में बैठकर ऊंचे तारागढ़ की चोटी से मंथर गति से उतरती उस छांव को एकटक देखती रही जो पहाड़ से उतरकर न...

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औकात By shilpi krishna

' औकात ' "तुम्हारी औकात हैं इतने महंगे कपड़े लेने की , कभी माँ - बाप ने इतने महंगे कपड़े पहनाये हैं तुम्हे .....?" राजीव ने हिकारत से रश्मि से कहा । वो दोनो शॉपिंग करने मार...

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खुशियाँ लौट आयी By Satender_tiwari_brokenwordS

बारात दरवाज़े पे थी ।स्वागत में पूरा परिवार था , की तभी दूल्हे (अमन)के घर से फ़ोन आता है कि माँ की तबियत फिर बिगड़ गयी। पड़ोस के चाचा अस्पताल लेकर गए हैं। असल में माँ की तबियत सुबह सुब...

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फ़ैसला - 14 - अंतिम भाग By Rajesh Shukla

फ़ैसला (14) आज शायद इस मुकदमे का आखिरी दिन हो। यही बैठे-बैठे कमरें मंे सिद्धेश सोच ही रहा था कि अचानक उसका मोबाइल बजा। उसने उठाकर देखा तो डा. के.डी. लाइन पर थे। हैलो ! डा. साहब! सिद...

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सबरीना - 32 - अंतिम भाग By Dr Shushil Upadhyay

सबरीना (32) ‘कभी लौटकर आओगे प्रोफेसर!’ सबरीना, डाॅ. मिर्जाएव, छोटा चारी एयरपोर्ट पर सुशांत को छोड़ने आए थे। जारीना नहीं आई थी। दानिश आया था, उसे देखकर सुशांत को अच्छा लगा। अभी वो पू...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) - अध्याय १४. By DILIP UTTAM

-----अध्याय १४."शिक्षा कहाँ?"---- शिक्षा का भेदभाव आज भी बड़े स्तर पर परिवार वालों के चलते ही होता है, लड़कियां पढ़ नहीं पाती, उनकी सोच है कि लड़की पढ़ जाएगी तो मनमानी करेगी, अरे...

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सजा, एक पुराना गुनाह By Shweta Sharma

" शेखर, मिली मेरी बेटी?" रिचा ने हड़बड़ाते हुए अपने पति से पूछा, जो अभी अभी बाहर से आया है। " कहीं नहीं मिली सब जगह देख लिया।" दुखी होते हुए शेखर ने जवाब दिया। " हाय! मेरी बच्ची कह...

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HELP ME APP By Rudra S. Sharma

जहाँ देखो वहाँ सभी जगह मासूम लड़कियों के साथ बर्बरता से बलात्कार की खबरें आम हो गई है।पूरा देश इस घिनोने अपराध को अनेको प्रयासों के पश्चात भी होने से नहीं रोक पा रहा है ।HELP ME APP...

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शादी व आत्मसम्मान By Saroj Prajapati

विमला जी आज सुबह से ही अपनी बेटी आरती के आने का इंतजार कर रही थी। उसकी शादी अभी 2 महीने पहले ही हुई थी। शादी के बाद पहली बार वह रुकने आ रही थी ‌ विमला जी की तो पूरी दुनिया ही आरती...

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कड़वा सच By Chandni Sethi Kochar

कड़वा सच मधु सुबह से आज बहुत परेशान थी, क्योंकि उसको आज महसूस हो गया, कि वह कितनी भी अच्छी क्यों ना हो जाए , लेकिन रहेगी हमेशा एक बहु ही ! बहु जितनी भी बेटी बनने की कोशिश कर ले ,...

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