hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • सपने का रहस्य?

    कई महीनों के बाद, मेरी मुलाकात जय से हुई। जब मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई...

  • You Are My Choice - 53

    सेहगल हाउस – गार्डन "ओके, सो द रूल्स आर... जस्ट लाइक नॉर्मल ट्रुथ एंड डेयर। बस ज...

  • फ़िर एक बार..... बचपन.....

    एक शाम, जवानी थक कर एक बेंच पर बैठी थी…मोबाइल हाथ में था, नोटिफिकेशन ऑन, लेकिन म...

पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी By kalyan

"पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी" – एक डरावनी और भावनात्मक कहानी, जो सन् 1995 की एक सच्ची घटना से प्रेरित है:साल 1995, जगह – उड़ीसा का एक छोटा सा गांव।14 साल का सुमित अपने माता-पिता के सा...

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राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां By Soni shakya

अब मान  भी जाओ राधे ...!!राधा और देव कभी पड़ोसी हुआ करते थे। दोनों के पारिवारिक सबंध भी बहुत अच्छे थे। दोनों के पापा बिजनेसमैन थे।. दोनों साथ में खेलते ,कभी लड़ाई  करते तो कभी पढ़ा...

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सपने का रहस्य? By Miss Chhoti

कई महीनों के बाद, मेरी मुलाकात जय से हुई। जब मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई। क्योंकि जय को देखे हुए बहुत समय हो गया था। उसे देखकर मेरा हृदय खुशी से भर गया। उसका अचानक आना और व...

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मृत्युघाट By kumar shivam hindustani

स्थान हरिश्चंद्र घाट हर तरफ लाशें ही लाशें जल रही हैं ,कुछ अधजली है तो कुछ जल के ख़ाक हो चुकी है ,रात्रि का समय है इसलिए काफी शांति है।इसी बीच एक 25 साल का लड़का कोई बड़ी सी चीज कपड़े...

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निक्की By Deepak sharma

यकीन मानो मेरी जिंदगी से तुम कभी गयी ही नहीं….. तुम्हारे निकनेम ‘ निकितिश्ना ‘ से मैं ने ‘निक्की’ शब्द खींच निकाला है, ( जिस का तुम्हारी पंजाबी में &...

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एक फैसला... दो ज़िंदगियाँ खत्म By ABHISHEK

अपराजिता, अपने पिता की आँखों का तारा थी। उसके जन्म से ही उसके पिता ने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो अपनी बेटी को दुनिया की हर खुशी देंगे। उन्होंने खुद के सपनों को दफन कर दि...

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मौत के बाद घर वालो का हाल By ABHISHEK

शहर के एक अस्पताल में मंजू ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। उनका छोटा बेटा उन्हें अस्पताल लेकर गया था, जहाँ डॉक्टरों ने साफ़ कह दिया कि उनकी हालत बेहद गंभीर है। लिवर सिरोसिस के क...

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हकीक़त का एहसास By Rakesh Kaul

हकीक़त का एहसास मैं एक ऐसे शख्स की रूह हूँ जिसका हाल में ही इंतक़ाल हुआ है | शायद आपको मेरी बातों पर यक़ीन करना मुश्किल होगा, लेकिन आज यह एक हकीक़त है | कल शाम तक मैं आपकी ही तरह एक ज़ि...

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You Are My Choice - 53 By Butterfly

सेहगल हाउस – गार्डन "ओके, सो द रूल्स आर... जस्ट लाइक नॉर्मल ट्रुथ एंड डेयर। बस जो टास्क खत्म नहीं कर पाया या फिर सच नहीं बोल पाया वह सामने रखे एक शॉट्स में से पूरा एक शॉट पीएगा।" स...

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चाय के किस्से By Rohan Beniwal

रेलवे स्टेशन की बेंच पर बैठा था वो अधेड़ उम्र का आदमी। हाथ में काँपती उंगलियों से थामा हुआ कुल्हड़, और नज़रें प्लेटफॉर्म के उस सिरे पर जहाँ से ट्रेन आने वाली थी।बगल में बैठी लड़की—...

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सपना जो सच हो गया By Sudhir Srivastava

लघु कहानी ***********सपना जो सच हो गया *******************     कुछ वर्षों पूर्व रमेश को एक साहित्यिक आयोजन में कवियों/कवयित्रियों को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई। चूंकि यह आयो...

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पुर्णिमा - भाग 3 By Soni shakya

आज सुबह से ही घर में खुशी का माहौल था। सब लोग खुशी-खुशी तैयार हो रहे थे। सभी को शशि के साथ उसके समारोह में जाना था। सब लोग बहुत खुश थे। पूर्णिमा को भी जाना था शाशि के साथ पर उसके प...

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रहस्मय जंगल By Sumit Sharma

उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा-सा गाँव था—घनश्यामपुर। प्रकृति की गोद में बसा यह गाँव बाहर से तो शांत और सुंदर लगता था, लेकिन इसकी सीमाओं के पास एक ऐसा जंगल था, जिसकी हवा...

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चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 By Sumit Sharma

प्रस्तावना:हर किसी के भीतर कुछ जलता है...कभी सपना, कभी पीड़ा, कभी अधूरा प्यार,और कभी एक ऐसी उम्मीद —जो ज़िन्दगी की राख से भी खुद को फिर जला लेती है।उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी ग...

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आतिशी शीशा By Deepak sharma

उस वर्ष हमारा दीपावली विशेषांक कहानियों पर केंद्रित था। “दीपावली विशेषांक की कहानियों के साथ जाने वाले रेखांकन तैयार हो गए हैं,” हमारी ‘महिलाओं के लिए’ नाम...

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ख़मीर By Deepak sharma

पुस्तकालय में उस समय अच्छी- खासी भीड़ थी। इश्यू काउंटर पर अतिव्यस्त होने के कारण सुधा मुझे पुस्तकालय में प्रवेश करते हुए नहीं देख पायी। चपरासी द्वारा मैं ने ही उसे संदेश भिजवाया कि...

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परिमल By Madhavi Marathe

                                                                                           ओंकार      चलते चलते एक मंदिर के सामने अचानक मेरे पैर रुक गए। अंदर से ओंकार धुन का नाद सु...

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मां के बाद By Deepak sharma

दरवाज़े पर ताला देख कर याद आया, मां अब नहीं हैं और घर की चाबियां मेरे स्कूल बैग में थीं। अपने उस सातवें साल तक पहुंचते- पहुंचते मैं काफ़ी कुछ सीख-समझ चुका था। खाना बनाने के सिवा। प...

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आखिरी खत By Pathak Ashish vilom

पटना जंक्शन... एक ऐसा नाम जहाँ रोज़ हजारों चेहरे आते-जाते हैं। किसी की आंखों में मंज़िल होती है, किसी की आंखों में जुदाई का ग़म। भीड़ होती है, शोर होता है, धुएँ और धूल की चादर हर च...

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अधूरी उड़ान By Manoj Kumar

**अधूरी उड़ान**   *   राजू एक छोटे से गाँव का लड़का था, जहाँ ना तो ढंग का स्कूल था और ना ही बिजली-पानी की पूरी सुविधा। उसका घर मिट्टी और खपरैल से बना हुआ था, जिसमें बारिश के दिनों...

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अपनी पहचान By Richa bhardwaj

रीमा एक आम गृहिणी थी। दिन सुबह 5 बजे शुरू होता और रात को सबके सो जाने के बाद ही खत्म होता। पति की जरूरतें, बच्चों की पढ़ाई, सास -ससुर की सेवा - हर किसी की जिंदगी का वह अहम हिस्सा थ...

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कौन ठगवा नगरिया लुटल बा By Dr Sandip Awasthi

आजकल ठगी करना आसान नहीं है। जब से तकनीक खुद ठग बन गई और किस्मत पैदल चल रही तब से ठगी करना आसान नहीं। वरना पहले बड़ा आसान था,यह सोने की ईंट ,चूड़ियां ले लो कौड़ियों के दाम। औरतें कम...

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सुबह-शाम By ekshayra

सुबह (थोड़ी ताज़गी भरी आवाज़ में):"नमस्ते शाम! मैं फिर से दुनिया को नई उम्मीदों के साथ जगाने आई हूँ।"शाम (हल्की मुस्कराहट के साथ):"नमस्ते सुबह! मैं तो बस दिनभर की थकान को अपनी बाहो...

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चक्र By Rakesh Kaul

चक्र गर्मी के दिन थे | एक दिन सुबह के वक़्त एक बुलबुल खाने की खोज में भटक रही थी | अब तो सूरज भी चढ़ आया था लेकिन अभी तक उसे कुछ भी खाने को नसीब नहीं हुआ था | भूख की वजह से अब उसका...

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मां........एक अधूरी-पूरी कहानी By ekshayra

अध्याय (1) मिट्टी में खेलती गुड़ियामैंने माँ को पहली बार तब नहीं देखा जब मैं पैदा हुई,बल्कि तब, जब मैंने उसकी पुरानी फोटो देखी —एक पतली सी लड़की, घुटनों तक फ्रॉक पहने, मिट्टी में ब...

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फ़िर एक बार..... बचपन..... By ekshayra

एक शाम, जवानी थक कर एक बेंच पर बैठी थी…मोबाइल हाथ में था, नोटिफिकेशन ऑन, लेकिन मन ऑफ।एक अजीब सा खालीपन, हर रोज़ की दौड़, हर पल का प्रेशर।ज़िंदगी जी भी रही थी, और कहीं से छूट भी रही...

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CM: The untold story - 2 By Ashvin acharya

(विधानसभा गृह)अध्यक्ष : देखिए सदन में इस तरह की बहस न करे ये आपको शोभा नहीं देता ये क्या गुंडों जैसा बरताव कर रहे हैं विपक्षी दल: मुझे ये बात कहते हुए बड़ा दुख होता है कि cm साब जब...

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शापित हवेली By Sun

इसमें आप सबको एक एक चैप्टर की अलग अलग हिंदी शॉर्ट स्टोरीज पढ़ने को मिलेगी। ---  पहाड़ों से घिरे एक छोटे से गाँव में एक प्राचीन हवेली थी, जिसे लोग "शापित हवेली" कहते थे। यह...

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हमने प्यार को जाना By kanchan

मिता की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे एक प्रतिष्ठित इंटीरियर डिजाइन कंपनी में नौकरी मिली, जो हाइ-फाई इलाकों में अपार्टमेंट्स और इंटीरियर्स का काम करती थी। उसके ऑफिस में बड़े-बड़े सेलि...

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अतीत की यादें By Black

ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसे बचपन से लेकर अब तक सिर्फ धोखा ही मिला। लेकिन वो जब किसी अनजान friend को देखती है और उससे बातें करती है इस उम्मीद में कि शायद ये धोखा नहीं देगा । ले...

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आज़ादी का सुख By Rakesh Kaul

आज़ादी का सुख एक गली में कल्लू और भूरी नाम के एक देसी कुत्तों का एक जोड़ा रहता है | उसी गली में विदेशी नस्ल का एक और जोड़ा भी एक बड़े बंगले में रहता है, जिन्हें उनके मालिक प्यार से ज...

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रुबीना कामवाली By JAYANT VERMA

शीर्षक: शहर की तपिश और प्यार की बारिशगाँव के हरे-भरे खेतों में पला-बढ़ा अर्जुन जब शहर के चमकते हुए दफ्तरों में नौकरी करने आया, तो उसे उम्मीद थी कि वह यहाँ सिर्फ अपने सपनों को साकार...

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ज़ालिम स्त्रियों के मध्य पुरुष By Dr Sandip Awasthi

----------------------------------------- देश में सब तरफ आतंक छाया हुआ है. मर्द बेचारे थर थर कांप रहे हैँ. प्राचीन काल से आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ. अब तक जो अबला, बेचारी, आँचल में दू...

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नागिन: एक रहस्यमयी प्रेम कथा By Sunita

नागिन: एक रहस्यमयी प्रेम कथाधीरगढ़ की हवेली उस दिन किसी दुल्हन की तरह सजी हुई थी। रंग-बिरंगी रोशनियाँ, दीवारों पर लगे फूलों की महक, और नौकर-चाकरों की हलचल से पूरा माहौल उल्लास से भ...

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कामचोर By JITENDRIYA

      फांसी की सजा से भी भयभीत कर देने वाली सजा लग रही थी - चलो सब बच्चे अपना होमवर्क चेक करवा लो। मिश्रा सर की आवाज कान में पड़ते ही कक्षा छठवीं की छात्रा सुनैना का दिल धाड़ धाड़ बजन...

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गौमाता By Rakesh Kaul

गौमाता   आज मेरे जीवन का सबसे बदनसीब दिन है, जब मुझे मेरे ही घर से निकाल दिया गया  है और वह भी मेरे अपनों द्वारा । मैं बहुत रोई-गिड़गिड़ाई उनके सामने कि इस उम्र में मुझे घर में ही...

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मुहल्लेदार By Deepak sharma

इंदुबाला का समस्त जीवन मेरी आंखों के सामने बीता था। उस की आकस्मिक मृत्यु भी मैं ने प्रत्यक्ष देखी थी। उन्नीस सौ पचपन के आसपास जब उस का जन्म हुआ तो मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। उस...

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एक अधूरी जिंदगी - पहला दिन By Tanhai Ki Kalam

जैसा कि आप सब जानते हैं कि ऊपर वाले ने हर चीज़ को जोड़े में बनाया है। फ़िर वो चाहे चरिन्दे हो परिंदे हो, और इंसान तो खैर है ही। लेकिन मैंने आज तक उस जोड़े का हिस्सा नहीं बन पाया। प...

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..नये सवेरे से पहले.. By kanchan

लगभग 40 साल पहले की कहानी..,एक शर्मा परिवार की … खुशहाल और संपन्न। माता-पिता खुले विचारों वाले, खुशमिजाज इंसान थे, जिन्होंने अपनी तीन बेटियों—नीति, रीति, और प्रीति—को  अच्छे स्कूल...

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बचपना By kanchan

बचपन की 14-15 साल की उम्र कितनी प्यारी होती है, जब न दुनिया की फिक्र होती है, न पढ़ाई का ज्यादा तनाव। बस खुद को सँवारने, आईने में निहारने और नए-नए एहसासों में खो जाने का समय होता ह...

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तकदीर के दो मोड़ By kanchan

कॉलेज के वो दिन… जब हर दिन एक नई मस्ती, नया मज़ाक, और नए किस्सों से भरा रहता था। लड़कियों का अपना ग्रुप, लड़कों का अपना। एक-दूसरे को जानते हुए भी, जैसे कोई सीधी दोस्ती नहीं थी।एक त...

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दूसरा पता By Deepak sharma

“हरीश त्रिपाठी का मकान क्या यही है?” दुमंज़िले उस मकान के मुख्य द्वार पर वही पता लिखा था जो कस्बापुर के हमारे सरकारी कालेज के दफ़्तर में हरीश के दूसरे पते के रूप में दर...

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चालाक कौवा By falguni doshi

चालाक कौवा - पंचतंत्र से प्रभावित कहानी जंगल ग्राम - पार्ट 2 कौवा कालू मेहनती कंटेंट क्रिएटर था, जो सच्ची और काम की बातें जंगलग्राम पर पोस्ट करता था। लेकिन जंगल के असली इन्फ्लुएंसर...

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कुछ अधूरी बातें... By kanchan

"कुछ कहानियाँ मुकम्मल नहीं होतीं, मगर फिर भी ख़ास होती हैं... दिल के किसी कोने में हमेशा ज़िंदा रहने के लिए।"जूही जब पहली बार अपने छोटे शहर से निकलकर इस बड़े शहर में आई, तो...

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पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी By kalyan

"पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी" – एक डरावनी और भावनात्मक कहानी, जो सन् 1995 की एक सच्ची घटना से प्रेरित है:साल 1995, जगह – उड़ीसा का एक छोटा सा गांव।14 साल का सुमित अपने माता-पिता के सा...

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राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां By Soni shakya

अब मान  भी जाओ राधे ...!!राधा और देव कभी पड़ोसी हुआ करते थे। दोनों के पारिवारिक सबंध भी बहुत अच्छे थे। दोनों के पापा बिजनेसमैन थे।. दोनों साथ में खेलते ,कभी लड़ाई  करते तो कभी पढ़ा...

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सपने का रहस्य? By Miss Chhoti

कई महीनों के बाद, मेरी मुलाकात जय से हुई। जब मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई। क्योंकि जय को देखे हुए बहुत समय हो गया था। उसे देखकर मेरा हृदय खुशी से भर गया। उसका अचानक आना और व...

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मृत्युघाट By kumar shivam hindustani

स्थान हरिश्चंद्र घाट हर तरफ लाशें ही लाशें जल रही हैं ,कुछ अधजली है तो कुछ जल के ख़ाक हो चुकी है ,रात्रि का समय है इसलिए काफी शांति है।इसी बीच एक 25 साल का लड़का कोई बड़ी सी चीज कपड़े...

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निक्की By Deepak sharma

यकीन मानो मेरी जिंदगी से तुम कभी गयी ही नहीं….. तुम्हारे निकनेम ‘ निकितिश्ना ‘ से मैं ने ‘निक्की’ शब्द खींच निकाला है, ( जिस का तुम्हारी पंजाबी में &...

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एक फैसला... दो ज़िंदगियाँ खत्म By ABHISHEK

अपराजिता, अपने पिता की आँखों का तारा थी। उसके जन्म से ही उसके पिता ने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो अपनी बेटी को दुनिया की हर खुशी देंगे। उन्होंने खुद के सपनों को दफन कर दि...

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मौत के बाद घर वालो का हाल By ABHISHEK

शहर के एक अस्पताल में मंजू ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। उनका छोटा बेटा उन्हें अस्पताल लेकर गया था, जहाँ डॉक्टरों ने साफ़ कह दिया कि उनकी हालत बेहद गंभीर है। लिवर सिरोसिस के क...

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हकीक़त का एहसास By Rakesh Kaul

हकीक़त का एहसास मैं एक ऐसे शख्स की रूह हूँ जिसका हाल में ही इंतक़ाल हुआ है | शायद आपको मेरी बातों पर यक़ीन करना मुश्किल होगा, लेकिन आज यह एक हकीक़त है | कल शाम तक मैं आपकी ही तरह एक ज़ि...

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You Are My Choice - 53 By Butterfly

सेहगल हाउस – गार्डन "ओके, सो द रूल्स आर... जस्ट लाइक नॉर्मल ट्रुथ एंड डेयर। बस जो टास्क खत्म नहीं कर पाया या फिर सच नहीं बोल पाया वह सामने रखे एक शॉट्स में से पूरा एक शॉट पीएगा।" स...

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चाय के किस्से By Rohan Beniwal

रेलवे स्टेशन की बेंच पर बैठा था वो अधेड़ उम्र का आदमी। हाथ में काँपती उंगलियों से थामा हुआ कुल्हड़, और नज़रें प्लेटफॉर्म के उस सिरे पर जहाँ से ट्रेन आने वाली थी।बगल में बैठी लड़की—...

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सपना जो सच हो गया By Sudhir Srivastava

लघु कहानी ***********सपना जो सच हो गया *******************     कुछ वर्षों पूर्व रमेश को एक साहित्यिक आयोजन में कवियों/कवयित्रियों को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई। चूंकि यह आयो...

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पुर्णिमा - भाग 3 By Soni shakya

आज सुबह से ही घर में खुशी का माहौल था। सब लोग खुशी-खुशी तैयार हो रहे थे। सभी को शशि के साथ उसके समारोह में जाना था। सब लोग बहुत खुश थे। पूर्णिमा को भी जाना था शाशि के साथ पर उसके प...

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रहस्मय जंगल By Sumit Sharma

उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा-सा गाँव था—घनश्यामपुर। प्रकृति की गोद में बसा यह गाँव बाहर से तो शांत और सुंदर लगता था, लेकिन इसकी सीमाओं के पास एक ऐसा जंगल था, जिसकी हवा...

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चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 By Sumit Sharma

प्रस्तावना:हर किसी के भीतर कुछ जलता है...कभी सपना, कभी पीड़ा, कभी अधूरा प्यार,और कभी एक ऐसी उम्मीद —जो ज़िन्दगी की राख से भी खुद को फिर जला लेती है।उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी ग...

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आतिशी शीशा By Deepak sharma

उस वर्ष हमारा दीपावली विशेषांक कहानियों पर केंद्रित था। “दीपावली विशेषांक की कहानियों के साथ जाने वाले रेखांकन तैयार हो गए हैं,” हमारी ‘महिलाओं के लिए’ नाम...

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ख़मीर By Deepak sharma

पुस्तकालय में उस समय अच्छी- खासी भीड़ थी। इश्यू काउंटर पर अतिव्यस्त होने के कारण सुधा मुझे पुस्तकालय में प्रवेश करते हुए नहीं देख पायी। चपरासी द्वारा मैं ने ही उसे संदेश भिजवाया कि...

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परिमल By Madhavi Marathe

                                                                                           ओंकार      चलते चलते एक मंदिर के सामने अचानक मेरे पैर रुक गए। अंदर से ओंकार धुन का नाद सु...

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मां के बाद By Deepak sharma

दरवाज़े पर ताला देख कर याद आया, मां अब नहीं हैं और घर की चाबियां मेरे स्कूल बैग में थीं। अपने उस सातवें साल तक पहुंचते- पहुंचते मैं काफ़ी कुछ सीख-समझ चुका था। खाना बनाने के सिवा। प...

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आखिरी खत By Pathak Ashish vilom

पटना जंक्शन... एक ऐसा नाम जहाँ रोज़ हजारों चेहरे आते-जाते हैं। किसी की आंखों में मंज़िल होती है, किसी की आंखों में जुदाई का ग़म। भीड़ होती है, शोर होता है, धुएँ और धूल की चादर हर च...

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अधूरी उड़ान By Manoj Kumar

**अधूरी उड़ान**   *   राजू एक छोटे से गाँव का लड़का था, जहाँ ना तो ढंग का स्कूल था और ना ही बिजली-पानी की पूरी सुविधा। उसका घर मिट्टी और खपरैल से बना हुआ था, जिसमें बारिश के दिनों...

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अपनी पहचान By Richa bhardwaj

रीमा एक आम गृहिणी थी। दिन सुबह 5 बजे शुरू होता और रात को सबके सो जाने के बाद ही खत्म होता। पति की जरूरतें, बच्चों की पढ़ाई, सास -ससुर की सेवा - हर किसी की जिंदगी का वह अहम हिस्सा थ...

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कौन ठगवा नगरिया लुटल बा By Dr Sandip Awasthi

आजकल ठगी करना आसान नहीं है। जब से तकनीक खुद ठग बन गई और किस्मत पैदल चल रही तब से ठगी करना आसान नहीं। वरना पहले बड़ा आसान था,यह सोने की ईंट ,चूड़ियां ले लो कौड़ियों के दाम। औरतें कम...

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सुबह-शाम By ekshayra

सुबह (थोड़ी ताज़गी भरी आवाज़ में):"नमस्ते शाम! मैं फिर से दुनिया को नई उम्मीदों के साथ जगाने आई हूँ।"शाम (हल्की मुस्कराहट के साथ):"नमस्ते सुबह! मैं तो बस दिनभर की थकान को अपनी बाहो...

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चक्र By Rakesh Kaul

चक्र गर्मी के दिन थे | एक दिन सुबह के वक़्त एक बुलबुल खाने की खोज में भटक रही थी | अब तो सूरज भी चढ़ आया था लेकिन अभी तक उसे कुछ भी खाने को नसीब नहीं हुआ था | भूख की वजह से अब उसका...

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मां........एक अधूरी-पूरी कहानी By ekshayra

अध्याय (1) मिट्टी में खेलती गुड़ियामैंने माँ को पहली बार तब नहीं देखा जब मैं पैदा हुई,बल्कि तब, जब मैंने उसकी पुरानी फोटो देखी —एक पतली सी लड़की, घुटनों तक फ्रॉक पहने, मिट्टी में ब...

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फ़िर एक बार..... बचपन..... By ekshayra

एक शाम, जवानी थक कर एक बेंच पर बैठी थी…मोबाइल हाथ में था, नोटिफिकेशन ऑन, लेकिन मन ऑफ।एक अजीब सा खालीपन, हर रोज़ की दौड़, हर पल का प्रेशर।ज़िंदगी जी भी रही थी, और कहीं से छूट भी रही...

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CM: The untold story - 2 By Ashvin acharya

(विधानसभा गृह)अध्यक्ष : देखिए सदन में इस तरह की बहस न करे ये आपको शोभा नहीं देता ये क्या गुंडों जैसा बरताव कर रहे हैं विपक्षी दल: मुझे ये बात कहते हुए बड़ा दुख होता है कि cm साब जब...

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शापित हवेली By Sun

इसमें आप सबको एक एक चैप्टर की अलग अलग हिंदी शॉर्ट स्टोरीज पढ़ने को मिलेगी। ---  पहाड़ों से घिरे एक छोटे से गाँव में एक प्राचीन हवेली थी, जिसे लोग "शापित हवेली" कहते थे। यह...

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हमने प्यार को जाना By kanchan

मिता की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे एक प्रतिष्ठित इंटीरियर डिजाइन कंपनी में नौकरी मिली, जो हाइ-फाई इलाकों में अपार्टमेंट्स और इंटीरियर्स का काम करती थी। उसके ऑफिस में बड़े-बड़े सेलि...

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अतीत की यादें By Black

ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसे बचपन से लेकर अब तक सिर्फ धोखा ही मिला। लेकिन वो जब किसी अनजान friend को देखती है और उससे बातें करती है इस उम्मीद में कि शायद ये धोखा नहीं देगा । ले...

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आज़ादी का सुख By Rakesh Kaul

आज़ादी का सुख एक गली में कल्लू और भूरी नाम के एक देसी कुत्तों का एक जोड़ा रहता है | उसी गली में विदेशी नस्ल का एक और जोड़ा भी एक बड़े बंगले में रहता है, जिन्हें उनके मालिक प्यार से ज...

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रुबीना कामवाली By JAYANT VERMA

शीर्षक: शहर की तपिश और प्यार की बारिशगाँव के हरे-भरे खेतों में पला-बढ़ा अर्जुन जब शहर के चमकते हुए दफ्तरों में नौकरी करने आया, तो उसे उम्मीद थी कि वह यहाँ सिर्फ अपने सपनों को साकार...

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ज़ालिम स्त्रियों के मध्य पुरुष By Dr Sandip Awasthi

----------------------------------------- देश में सब तरफ आतंक छाया हुआ है. मर्द बेचारे थर थर कांप रहे हैँ. प्राचीन काल से आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ. अब तक जो अबला, बेचारी, आँचल में दू...

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नागिन: एक रहस्यमयी प्रेम कथा By Sunita

नागिन: एक रहस्यमयी प्रेम कथाधीरगढ़ की हवेली उस दिन किसी दुल्हन की तरह सजी हुई थी। रंग-बिरंगी रोशनियाँ, दीवारों पर लगे फूलों की महक, और नौकर-चाकरों की हलचल से पूरा माहौल उल्लास से भ...

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कामचोर By JITENDRIYA

      फांसी की सजा से भी भयभीत कर देने वाली सजा लग रही थी - चलो सब बच्चे अपना होमवर्क चेक करवा लो। मिश्रा सर की आवाज कान में पड़ते ही कक्षा छठवीं की छात्रा सुनैना का दिल धाड़ धाड़ बजन...

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गौमाता By Rakesh Kaul

गौमाता   आज मेरे जीवन का सबसे बदनसीब दिन है, जब मुझे मेरे ही घर से निकाल दिया गया  है और वह भी मेरे अपनों द्वारा । मैं बहुत रोई-गिड़गिड़ाई उनके सामने कि इस उम्र में मुझे घर में ही...

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मुहल्लेदार By Deepak sharma

इंदुबाला का समस्त जीवन मेरी आंखों के सामने बीता था। उस की आकस्मिक मृत्यु भी मैं ने प्रत्यक्ष देखी थी। उन्नीस सौ पचपन के आसपास जब उस का जन्म हुआ तो मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। उस...

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एक अधूरी जिंदगी - पहला दिन By Tanhai Ki Kalam

जैसा कि आप सब जानते हैं कि ऊपर वाले ने हर चीज़ को जोड़े में बनाया है। फ़िर वो चाहे चरिन्दे हो परिंदे हो, और इंसान तो खैर है ही। लेकिन मैंने आज तक उस जोड़े का हिस्सा नहीं बन पाया। प...

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..नये सवेरे से पहले.. By kanchan

लगभग 40 साल पहले की कहानी..,एक शर्मा परिवार की … खुशहाल और संपन्न। माता-पिता खुले विचारों वाले, खुशमिजाज इंसान थे, जिन्होंने अपनी तीन बेटियों—नीति, रीति, और प्रीति—को  अच्छे स्कूल...

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बचपना By kanchan

बचपन की 14-15 साल की उम्र कितनी प्यारी होती है, जब न दुनिया की फिक्र होती है, न पढ़ाई का ज्यादा तनाव। बस खुद को सँवारने, आईने में निहारने और नए-नए एहसासों में खो जाने का समय होता ह...

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तकदीर के दो मोड़ By kanchan

कॉलेज के वो दिन… जब हर दिन एक नई मस्ती, नया मज़ाक, और नए किस्सों से भरा रहता था। लड़कियों का अपना ग्रुप, लड़कों का अपना। एक-दूसरे को जानते हुए भी, जैसे कोई सीधी दोस्ती नहीं थी।एक त...

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दूसरा पता By Deepak sharma

“हरीश त्रिपाठी का मकान क्या यही है?” दुमंज़िले उस मकान के मुख्य द्वार पर वही पता लिखा था जो कस्बापुर के हमारे सरकारी कालेज के दफ़्तर में हरीश के दूसरे पते के रूप में दर...

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चालाक कौवा By falguni doshi

चालाक कौवा - पंचतंत्र से प्रभावित कहानी जंगल ग्राम - पार्ट 2 कौवा कालू मेहनती कंटेंट क्रिएटर था, जो सच्ची और काम की बातें जंगलग्राम पर पोस्ट करता था। लेकिन जंगल के असली इन्फ्लुएंसर...

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कुछ अधूरी बातें... By kanchan

"कुछ कहानियाँ मुकम्मल नहीं होतीं, मगर फिर भी ख़ास होती हैं... दिल के किसी कोने में हमेशा ज़िंदा रहने के लिए।"जूही जब पहली बार अपने छोटे शहर से निकलकर इस बड़े शहर में आई, तो...

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