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दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही...
(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्र...
hiii पागल दुआ करता हूं कि तुम अच्छी होगी, कभी सोचा नहीं था कि मुझे कभी तुम्हे इस तरह खत लिखना पड़ेगा या कहूं तो इस तरह हमारा रिश्ता खत्म होगा मैंने जिंदगी में अगर किसी से सबसे ज्या...
जबसे लैपटाप और मोबाइल युग आया है हम सभी के जीवन से पत्र लेखन ,मनन और वाचन की विधा धीरे धीरे विदा हो रही है ।अपनी सेवा प्रारम्भ वर्ष 1977 से रिटायरमेंट वर्ष 2013 में, फुर्सत के क्षण...
प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं थीं मैं!!! अच्छा हुआ उससे नहीं मिले आप!! वो, जिसने आपको, आपके प्यार को अपनी ज़िन्दगी में एहमियत...
दिनांक:26/12/2022प्रोफेसर!मालूम है तारीख़ गलत लिखी है, लेकिन 26 तारीख़ अब शायद ही मैं कभी भूल सकूंगी। जो हुआ उस वजह से नहीं, जो हुआ उस वजह से आपका मेरी ज़िन्दगी में शामिल होना! कहाँ स...
(), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकता को आकार दें सकती हैं अतः मुक्ति की योग्य इच्छ...
अरे ये क्या कह रही हो तुम अभी कुछ दिन पहले हि हमारी बात हुई थी तब तो सब ठीक था! एकदम फ़िट एण्ड फ़ाइन थी ये सब कैसे क्या हो गया ?यकीन नहीं हो रहा है सुन्न पड गये है! हैं....? कल तो मि...
मेरे मुमुक्षु अवचेतन मन की, मुक्त यानी पूर्ण मृत निराकार चेतन मन के प्रेम पूर्ण आमंत्रण की प्रतिक्रिया ..!!मैं ऐसे वाहन चालक सा हूँ, जिसके हिसाब सें वाहन नहीं बल्कि जो असहाय होने स...
उस दिन तुम्हारे बारे में किसी और से मालूम हुआ मुझे उस बात तनिक भी खबर ना थी जब पता चला मेरा दिल धक से हुआ ऐसा लगा कि किसी ने मेरे मुहँ पर तमाचा जड दिया हो ! इतना जुडाव जो तुमसे था...
क्यो क्यो हर बार हम अपने जाबान्ज वीरो को खो दे रहे हैं सिर्फ़ कुछ गद्दारो जिस देश का नमक खाते हो क्यो नमक हलाली करते हो..... क्या मिलता ऐसा करके एक फ़ौजी तो अपने देश कि प्रति निष्ठाव...
सही गलत दों हैं और वास्तविकता एक मात्रता का नाम, इसका मतलब हैं जहाँ सही और गलत हों सकता हैं वहाँ भृम या सत्य की ओर इशारे हों सकतें हैं.. सत्य नहीं! और जहाँ न सही हैं और न ही गलत वह...
अपमान कर्ता शब्दों के प्रयोग, कलंक या निंदा की बात अर्थात् अपशब्दों यानी गालियों का प्रयोग क्या सही हैं?जो जैसा हैं उसे वैसा ही कहना अर्थात् ही सत्य कहना होता हैं और जिसकी जो जैसा...
प्रिय प्रियतमा, आज एकबार फिर तुम्हारी नगरी में हूं। पर सबकुछ कितना बदल गया है यहां! या फिर शायद ये मेरी नजरों को धोखा भी हो सकता है क्योंकि तुम जो साथ नहीं हो अब।याद है, पहले हम और...
एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है क्योंकि इनके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी...
आधुनिक भारतीय दर्शन में व्यक्तिवाद की समीक्षा, समकालीन अध्ययन के सार स्वयं और व्यक्तियों को अक्सर समकालीन दर्शन में समानार्थक शब्द के रूप में उपयोग किया जाता है, और कभी-कभी पश्चिमी...
आज चालीस साल बाद एक बार फिर तुम्हें चिट्ठी लिखने की इच्छा हुई है। इच्छा, आज ही नहीं सच कहूं तो पिछले कई दिनों से दिल के, दिमाग के न जाने कितने कोनो में सागर में किसी उफान की तरह हि...
પ્રિય ભાઈ આજે તારા વિશે મારા મનમાં ઉઠતા વિચારના મોજાને કલમે કંડારવની ઈચ્છા થઇ પરંતુ વિડંબના એ છે કે શરૂવાત ક્યાંથી કરું, કેટલું લખવું છે તેમ છતાં કય લખવાની ઈચ્છા જ નથી, કેટલું કહેવ...
13 आदित्य ने सिद्धार्थ की बात सुनकर गाड़ी अपने घर के रास्ते कर दी । सिद्धार्थ अपने घर के बाहर उतरा । जाते हुए सिद्धार्थ ने कहा, "हम कल बात करेंगे आज तो तेरा दिमाग ठिकाने पर नहीं लग...
छोटी मोटी कामणी सगळी विष की बेल (छोटी या बड़ी, सभी कामिनियाँ जहर की बल । अथवा विषय वासना की ओर ले जाने वाली हैं।) जवान में ही रस अर जबान में ही बिस। (बोली में ही रस है और बोली म...
पक्षी को कोई उड़ना नहीं सिखाता, बस इस कदर उड़ने की आवश्यकता होनी चाहियें कि उसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचें; फिर क्या.. उनका उड़ना अंदर से आता हैं; शायद यहीं बात मादा चील जान...
मेरी अभिव्यक्ति किनके लियें हैं?ईश्वर ने सभी को अलग-अलग दिमाग दियें हैं इसका मतलब हैं कि वह चाहता हैं कि सभी अपने लियें सोचें और समझें कि उन्हें क्या करना चाहियें और क्या नहीं। इसक...
लेखक और लेखन के संबंध में।मेरी अभिव्यक्ति केवल मेरे लियें हैं यानी मेरी जितनी समझ के स्तर के लियें और यह मेरे अतिरिक्त उनके लियें भी हो सकती हैं जो मुझ जितनी समझ वाले स्तर पर हों अ...
क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?किसी का भी मुझे समझ नहीं सकने का सही अर्थों में यानी वास्तविक कारण क्या हो सकता हैं?क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहत...
■ मैं संसार से पूर्णतः विरक्ति के पश्चात भी सांसारिक क्यों और कैसे हूँ?मैं संसार से पूर्णतः विरक्त हूँ यानी सत्य या वास्तविकता के महत्व से पूर्णतः भिज्ञ हूँ परंतु अज्ञान यानी कि सं...
दिसंबर तुम मेरे लिए सबसे खास हो, सबसे करीब भी..खास क्यों ये मैं नहीं जानती लेकिन इतना पता है कि हर बार तुम मुझे और मजबूत बना जाते हो, बचपन से ही साल भर तुम्हारे तुम्हारे आने का इंत...
प्रियतमने पत्र भाग - 1 प्रिय सागर आज तुम्हें एक खत भेज रही हूं । जिसने मेरे हदयमें लगी हुई दिल की याद को भेज रही हूं । तुम मेरे इस खत का जवाब जरूर भेजना तुम्हारी याद आती है .तब दिल...
ओय शिंदे बाबू...आज तेरे जन्मदिन पर मन कर रहा है कि मैं तुझपर ढेर सारी बातें लिखूँ तुझे लिखू,तेरी बाते लिखूँ,तेरी यादे लिखूँ या फिर तेरी वो सरारते लिखूँ जो तू बचपन में स्कूल में किय...
हे प्राणनाथ, यहाँ सब लोग कुशल मंगल है। इस पत्र को लिखते हुए मुझे अपने वे दिन याद आ रहे है, जब हम पहली बार राशन की दुकान पर मिले थे। तुमने मुझे देखा और देखते रह गए, मैं सावली...
भगवान जी नमस्कार, आशा है कि आप कुशलतापूर्वक होंगे, हाँ.. होंगे ही… क्योंकि आप तो भगवान हैं जो सबकी इच्छाएं पूरी करते हैं, सभी आपसे सुख की कामना करते हैं तो आप स्वयं का ध्यान रखने...
Unemployment in India & The Redआपके शब्द और आपका समय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है ??देश के विकास में आपकी लिखित रचना काम आ सकती हैहम एक शीर्षक पर काम कर रहे है जिसका नाम "बेरोजगारी...
एक पाती माता पिता के नाम अन्नदा पाटनी पूज्य बाबूजी व अम्माँ, सादर प्रणाम । यह जानते हुए भी कि आप हमारे बीच में नहीं है, न हीं आप हमें देख सकते हैं और न ही सुन सकते है, फिर भी आपको...
प्रिय बाबू जी, आपका पत्र हमको मिला। हम यहाँ कुशल से हैं और आशा करते है की वहाँ भी सब कुशल ही होगा। बाबू जी आपको सूचित करते हुये बहुत हर्ष हो रहा है कि इस बार फिर हमारा समीक्षा अधिक...
( ये किसी एक के लिए नही है वल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी जिंदगी में सच्ची मोहब्बत की है लेकिन अब वो उनके साथ नही है । इसका हर शब्द बिल्कुल आजाद है वो जहाँ चाहे वहाँ पहोच सक...
एक अप्रेषित-पत्र महेन्द्र भीष्म एक अप्रेषित पत्र दीदी का पत्र आशा के विपरीत आया था। पत्र बहुत संक्षेप में था, उनकी आदत के बिल्कुल उलटे। पत्र में लिखीं चार पंक्तियों ने पत्नी रजनी औ...
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