hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • सूत्रों के हवाले से....

    सूत्रो के हवाले से .... अभी - अभी सूत्रों के हवाले से खबर लगी है कि...

  • Hostel Boyz (Hindi) - 17

    प्रकरण 25 : Ring Theory हम लोग कॉलेज प्रशासन के सामने अक्सर विरोध प्रदर्शन करते...

  • चुनावी दूल्हा

    हमारे एक मित्र है , मोहन । बेचारे... कई वर्षों से कुंवारे होने का दर्द झेल र...

सूत्रों के हवाले से.... By Alok Mishra

सूत्रो के हवाले से .... अभी - अभी सूत्रों के हवाले से खबर लगी है कि "फलाना" भी कोरोना पोजेटिव हो गया । ये फलाने हमारे पूर्वपरिचित थे । हमने सोचा कुशलक्षेम पूछने के बहा...

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Hostel Boyz (Hindi) - 17 By Kamal Patadiya

प्रकरण 25 : Ring Theory हम लोग कॉलेज प्रशासन के सामने अक्सर विरोध प्रदर्शन करते थे इसलिए हमारे क्लास का वह कोई नुकसान ना कर सके इसलिए हम लोगोने एक सिस्टम विकसित किया था। सिस्टम ऐसा...

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भिखारी संघ By Alok Mishra

भिखारी संघ सड़क के किनारे बैठे कुछ भिखारियों में से एक को यह ख़्याल आया कि आजकल हर वर्ग का अपना संघ है जैसे व्यापारी संघ ,कर्मचारी संघ और मजदूर संघ आदि तो क्यों न भिखारियों...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 15 By Yashvant Kothari

15 कोई कुछ नहीं बोला। सन्नाटा बोलता रहा। झिगुंर बोलते रहे। मकड़ियांे ने संगीत के सुर छेड़े। रात थोड़े और गहराई। यशोधरा बोली। ‘आज मेरी काम वाली ने बताया कि कल और परसांे की छुट्टी...

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पाप अच्छे हैं ... By मंजरी शर्मा

हेलो!! मैं "खट्टा-मीठा चैनल" से आपकी दोस्त एंड होस्ट मंजरी, आपके सामने पेश हूँ शर्मा निवास से 'लाइव'|जी हां, वही शर्मा निवास, जहाँ हंसने मुस्कुराने की किसी को नहीं है शर्म...

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चुनावी दूल्हा By Alok Mishra

हमारे एक मित्र है , मोहन । बेचारे... कई वर्षों से कुंवारे होने का दर्द झेल रहे थे । आखिर काफी प्रयास और भागदौड़ के बाद एक कन्या ने उन्हें पसन्द कर ही लिया । बात आगे बढ़ी तो स्वाभ...

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विभाजन By Ramnarayan Sungariya

कहानी विभाजन -आर.एन.सुनगरया,...

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व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ By ramgopal bhavuk

व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ रामगोपाल भावुक अश्वनी मास की धूप, गाँव में सफाई की कमी, मच्छरों का प्रकोप से लोग बीमार पड़ने लगे। मुझे भी मलेरिया हो गया। पापा क...

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प्रभु जी (व्यंग्य) By Alok Mishra

प्रभु जी ..... बहुत दिनों से देख रहे हैं कि आप कितने महान है । आपकी महानता के चर्चे दूर-दूर तक है । आप तो वो पारस है जो लोहे को भी छू ले तो सोना बना दे । आपकी महानता के कारण...

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व्यंग्य लेख - कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! रामगोपाल भावुक हमारे देश में पुस्तैनी धन्धा सिखाने की परम्परा रही है। पिता अपने पुत्र को विरासत में पाये धन्धे को ही सिखाना चाहता है।...

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मेरा मीठा-सा महापाप By मंजरी शर्मा

चलो सुनाऊँ तुम्हें कहानी, अपने छुटपन की;मैं और मेरे पेटूपन की...चटर-पटर खाते-खाते, बढ़ गई मेरी तोंद;पर मुझको हरदम भाती, लड्डू वाली गोंद...चाउमीन, बर्गर से हो गई गोल-मटोल;पर मुझको सम...

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चूहा घोटाला (व्यंग्य) By Alok Mishra

फाईल मंत्रालय में मंत्री जी को ज्ञात हुआ कि पुराने घोटाले की एक फाईल को चूहों ने कुतर दिया , केवल इतना ही होता तो ठीक था परन्तु चूहों ने एक कमीशन की फाईल को भी नहीं छोड़ा ।...

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महोब्बत (व्यंग्य ) By Alok Mishra

महोब्बत (व्यंग्य ) आजकल मजनु बहुत ही उदास है । वो खोया-खोया रहता है । रेड़ियो पर बज रहे जुदाई के गीत तो उसे रुला ही देते है । उसके यार-दोस...

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अमिताभ और मै (व्यंग्य) By Alok Mishra

अमिताभ और मै (व्यंग्य) यूं तो हम हमेशा से ही अमिताभ बच्चन के प्रशंसक रहे है लेकिन उनकी तुलना हमसे........ कहाॅं राजा भोज कहाॅं गंगू तेली । हम गंगू ही सही हमें भी जिंदगी स्टाई...

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अनन्‍तकाल By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- अनन्‍तकाल आर. एन. सुनगरया,...

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इच्छाजन्म By Alok Mishra

इच्छा जन्म रामालाल जी नहीं रहे। आप तो एक दम चौंक ही पड़े। अरे भाई रामलाल कोई अमरौती रख कर तो आए नहीं थे। सो निकल लिए, टें हो गए या परलोक सिधार गए। वे मोह माया से मुक्त हो...

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शुभ-चिन्‍तक By Ramnarayan Sungariya

लघु-कथा-- शुभ-चिन्‍तक आर. एन. सुनगरया,...

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चौराहे का बुत (व्यंग्य) By Alok Mishra

चौराहे का बुत (व्यंग्य) मै चौराहे का बुत बोल रहा हुँ। मै वही बुत या मूर्ति हुँ जिसे स्थापित करते समय भारी भीड़ आई थी । कुछ लोगों ने उस समय मेरे लिए बड़े-बड़े कसीदे गढ़े थे ।...

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खिचड़ी खा (व्यंग्य)  By Alok Mishra

खिचड़ी खा (व्यंग्य) अब सब कुछ खिचड़ी सा हो गया है याने यह समझना मुस्किल है कि कब आप समाचार देख रहे हैं और कब विज्ञापन । यह समझना भी कठिन हो गया है कि कब आप आश्वा...

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व्यंग्य से शल्य-क्रिया By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख व्यंग्य से शल्य-क्रिया रामगोपाल भावुक आज नगर में खूब चहल-पहल है। एनाउंसमेंट करने वाले एनाउंस करते फिर रहे हैं-’’आज नगर में पहलीबार हास्य के अवतार काका चोखेलाल पधार रह...

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गुंजाईश नहीं By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- गुंजाईश नहीं...

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सूत्रों के हवाले से.... By Alok Mishra

सूत्रो के हवाले से .... अभी - अभी सूत्रों के हवाले से खबर लगी है कि "फलाना" भी कोरोना पोजेटिव हो गया । ये फलाने हमारे पूर्वपरिचित थे । हमने सोचा कुशलक्षेम पूछने के बहा...

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Hostel Boyz (Hindi) - 17 By Kamal Patadiya

प्रकरण 25 : Ring Theory हम लोग कॉलेज प्रशासन के सामने अक्सर विरोध प्रदर्शन करते थे इसलिए हमारे क्लास का वह कोई नुकसान ना कर सके इसलिए हम लोगोने एक सिस्टम विकसित किया था। सिस्टम ऐसा...

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भिखारी संघ By Alok Mishra

भिखारी संघ सड़क के किनारे बैठे कुछ भिखारियों में से एक को यह ख़्याल आया कि आजकल हर वर्ग का अपना संघ है जैसे व्यापारी संघ ,कर्मचारी संघ और मजदूर संघ आदि तो क्यों न भिखारियों...

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असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 15 By Yashvant Kothari

15 कोई कुछ नहीं बोला। सन्नाटा बोलता रहा। झिगुंर बोलते रहे। मकड़ियांे ने संगीत के सुर छेड़े। रात थोड़े और गहराई। यशोधरा बोली। ‘आज मेरी काम वाली ने बताया कि कल और परसांे की छुट्टी...

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पाप अच्छे हैं ... By मंजरी शर्मा

हेलो!! मैं "खट्टा-मीठा चैनल" से आपकी दोस्त एंड होस्ट मंजरी, आपके सामने पेश हूँ शर्मा निवास से 'लाइव'|जी हां, वही शर्मा निवास, जहाँ हंसने मुस्कुराने की किसी को नहीं है शर्म...

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चुनावी दूल्हा By Alok Mishra

हमारे एक मित्र है , मोहन । बेचारे... कई वर्षों से कुंवारे होने का दर्द झेल रहे थे । आखिर काफी प्रयास और भागदौड़ के बाद एक कन्या ने उन्हें पसन्द कर ही लिया । बात आगे बढ़ी तो स्वाभ...

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विभाजन By Ramnarayan Sungariya

कहानी विभाजन -आर.एन.सुनगरया,...

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व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ By ramgopal bhavuk

व्यंग्य डॉक्टर कवि की अनोठी शल्य क्रिया’ रामगोपाल भावुक अश्वनी मास की धूप, गाँव में सफाई की कमी, मच्छरों का प्रकोप से लोग बीमार पड़ने लगे। मुझे भी मलेरिया हो गया। पापा क...

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प्रभु जी (व्यंग्य) By Alok Mishra

प्रभु जी ..... बहुत दिनों से देख रहे हैं कि आप कितने महान है । आपकी महानता के चर्चे दूर-दूर तक है । आप तो वो पारस है जो लोहे को भी छू ले तो सोना बना दे । आपकी महानता के कारण...

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व्यंग्य लेख - कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख कैसे कैसे टार्च बेचने वाले! रामगोपाल भावुक हमारे देश में पुस्तैनी धन्धा सिखाने की परम्परा रही है। पिता अपने पुत्र को विरासत में पाये धन्धे को ही सिखाना चाहता है।...

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मेरा मीठा-सा महापाप By मंजरी शर्मा

चलो सुनाऊँ तुम्हें कहानी, अपने छुटपन की;मैं और मेरे पेटूपन की...चटर-पटर खाते-खाते, बढ़ गई मेरी तोंद;पर मुझको हरदम भाती, लड्डू वाली गोंद...चाउमीन, बर्गर से हो गई गोल-मटोल;पर मुझको सम...

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चूहा घोटाला (व्यंग्य) By Alok Mishra

फाईल मंत्रालय में मंत्री जी को ज्ञात हुआ कि पुराने घोटाले की एक फाईल को चूहों ने कुतर दिया , केवल इतना ही होता तो ठीक था परन्तु चूहों ने एक कमीशन की फाईल को भी नहीं छोड़ा ।...

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महोब्बत (व्यंग्य ) By Alok Mishra

महोब्बत (व्यंग्य ) आजकल मजनु बहुत ही उदास है । वो खोया-खोया रहता है । रेड़ियो पर बज रहे जुदाई के गीत तो उसे रुला ही देते है । उसके यार-दोस...

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अमिताभ और मै (व्यंग्य) By Alok Mishra

अमिताभ और मै (व्यंग्य) यूं तो हम हमेशा से ही अमिताभ बच्चन के प्रशंसक रहे है लेकिन उनकी तुलना हमसे........ कहाॅं राजा भोज कहाॅं गंगू तेली । हम गंगू ही सही हमें भी जिंदगी स्टाई...

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अनन्‍तकाल By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- अनन्‍तकाल आर. एन. सुनगरया,...

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इच्छाजन्म By Alok Mishra

इच्छा जन्म रामालाल जी नहीं रहे। आप तो एक दम चौंक ही पड़े। अरे भाई रामलाल कोई अमरौती रख कर तो आए नहीं थे। सो निकल लिए, टें हो गए या परलोक सिधार गए। वे मोह माया से मुक्त हो...

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शुभ-चिन्‍तक By Ramnarayan Sungariya

लघु-कथा-- शुभ-चिन्‍तक आर. एन. सुनगरया,...

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चौराहे का बुत (व्यंग्य) By Alok Mishra

चौराहे का बुत (व्यंग्य) मै चौराहे का बुत बोल रहा हुँ। मै वही बुत या मूर्ति हुँ जिसे स्थापित करते समय भारी भीड़ आई थी । कुछ लोगों ने उस समय मेरे लिए बड़े-बड़े कसीदे गढ़े थे ।...

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खिचड़ी खा (व्यंग्य)  By Alok Mishra

खिचड़ी खा (व्यंग्य) अब सब कुछ खिचड़ी सा हो गया है याने यह समझना मुस्किल है कि कब आप समाचार देख रहे हैं और कब विज्ञापन । यह समझना भी कठिन हो गया है कि कब आप आश्वा...

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व्यंग्य से शल्य-क्रिया By ramgopal bhavuk

व्यंग्य लेख व्यंग्य से शल्य-क्रिया रामगोपाल भावुक आज नगर में खूब चहल-पहल है। एनाउंसमेंट करने वाले एनाउंस करते फिर रहे हैं-’’आज नगर में पहलीबार हास्य के अवतार काका चोखेलाल पधार रह...

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गुंजाईश नहीं By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- गुंजाईश नहीं...

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