hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


Languages
Categories
Featured Books

भूतिया कार By Ravi

एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...रात काफी थी..एकदम घना अंधेरा था...धूप्पमोबाइल का नेटवर्क भी नही...

Read Free

होली By Yashvant Kothari

होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखते हुए इस क्षेत्र में नए नियम बनाने के लिए एक समिति बन...

Read Free

सेल्फी का चक्कर By Sumit Singh

एक दिन जंगल में चीनू बंदर को एक मोबाइल फोन मिला।वह उसे पाकर बहुत खुश हुआ।उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेने की बात सोची। उसने नाक व मुंंह टेढ़ा करते हुए अपनी कई सेल्फी लीं।फिर उसने, अ...

Read Free

तुमसा नहीं देखा.. By Saroj Verma

ये बात सन् १९८० की है,तब हम लोग उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के छोटे से कस्बे अतर्रा में रहा करते थे,मेरे पापा वहाँ के हिन्दू इण्टर काँलेज में अध्यापक थे,मैं उस समय बी.ए.पास करके एम....

Read Free

रामू और बिल्लू की जादूगरी By Karunesh Maurya

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक जवान लड़का था, जिसका नाम रामू था। रामू के पास कोई खास पढ़ाई-लिखाई नहीं थी, लेकिन उसकी खुशियों का कोई...

Read Free

आज क्या सब्जी बनाऊं’ ? By Yashvant Kothari

चलो बहना, सब्जी लायें यशवन्त कोठारी   ‘‘‘आज क्या सब्जी बनाऊं’’    इस शाश्वत सवाल का शाश्वत जवाब है।    ‘‘जो तुम चाहो।’’ बस अब इस वाक्य का अर्थ है कि महाभारत शुरू होना ही चाहता है।...

Read Free

टूबीएचके के शिकंजे में फंसी जिन्दगी By Yashvant Kothari

  व्यंग्य टूबीएचके के शिकंजे  में फंसी जिन्दगी यशवंत कोठारी जिंदगी का सफ़र आज कल टू बीएचके के मकड़ जाल में फंस कर रह गया है ,जिसे देखो वही इस अंधी दौड़ में शामिल है ,ये कोई नहीं सोचता...

Read Free

खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व By Yashvant Kothari

  खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व   यशवन्त कोठारी  सम्पूण जम्बूद्वीप में खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व चल रहा है। विकास एक सतत प्रक्रिया है। भारत विकास प्रधान देश है। विकास करा लो।...

Read Free

आलू और अलादीन - पवन सिकरवार By Author Pawan Singh

मेरा नाम अलादीन है ये नाम सुनते ही अब आपके दिमाग में वही घिसी पीटी अलादीन और जिन्न की कहानी चलने लगी होगी तो मै आपको बता दू की आपको इस कहानी में भी यही मिलयेगा।ये मेरी कहानी है की...

Read Free

लिटफेस्ट लीला By Yashvant Kothari

////////////////////////////////////////////////////////                             लिटफेस्ट लीला    यशवंत कोठारी                                                                  ...

Read Free

हंसी के महा ठहाके - 13 - फोटोग्राफी के बड़े झमेले By Dr Yogendra Kumar Pandey

हास्य सरिता फोटोग्राफी के बड़े झमेले अपनी यादों को स्थाई बनाने के लिए फोटोग्राफी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आजकल मोबाइल के दौर ने भारी स्टिल कैमरों को पीछे छोड़ दिया है।अब लाइटवेट कै...

Read Free

कुंवारा किरायेदार By Yashvant Kothari

          कुंवारा  किरायेदार         यशवन्त कोठारी कुंवारे आदमी को नौकरी के बाद सबसे ज्यादा डर अपने मकान मालिक से लगता है। सब जानते और मानते हैं कि कुंवारा आदमी और मरखना बैल या पा...

Read Free

आवारा जानवरों के खतरे By Yashvant Kothari

आवारा   जानवरों के खतरे                                            यशवंत  कोठारी     इधर कुछ वर्षों में शहर में आवारा  जानवरों  के झुण्ड के झुण्ड सड़कों, गलियों , चौराहों पर विचरते...

Read Free

चर्चा आमकी सियासत में By Yashvant Kothari

                        चर्चा आमकी सियासत में                     यशवन्त कोठारी         इधर काफी समय से एक विज्ञापन पर नजरें  जमीं हुई थीं, जिसमें एक युवती आम-सूत्र शब्द का उच्चारण...

Read Free

चंद होलियाना समाचार By Yashvant Kothari

व्यंग्य होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार                                         यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखतेहुए...

Read Free

झूट कहूँ तो By Pratap Singh

मिल तो जाएंगे न!" चावला जी ने अपने खोये पिता जी के बारे में पूछते हुए बंगाली बाबा से पूछा।चावला जी के पिताजी जो कि करीब अस्सी वर्ष के बुजुर्ग थे। उम्र के साथ-साथ उनकी यरदाश्त कमज़ोर...

Read Free

रावण से मुलाकात By Ravinder Sharma

कल सुबह-सुबह रास्ते में दस सिर वाला हट्टा कट्टा बंदा अचानक मेरी बाइक के आगे आ गया खैर जैसे तैसे ब्रेक लगाई और पूछा ... क्या अंकल 20-20 आँखें हैं ... फिर भी दिखाई नहीं देता जवाब मिल...

Read Free

पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े By Yashvant Kothari

          पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े          यशवन्त कोठारी             श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी और श्रीमती पाव-भाजी ने मिलकर तय किया कि पुस्तक मेले में  आयोजित गजल...

Read Free

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

Read Free

बीमार काका By धरमा

एक बार एक गांव में एक काका बहुत बीमार हो गए और उन्हें पास के ही एक शहर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । कुछ दिन बीत जाने के बाद गांव के लोगों ने आपस में ये तय किया कि सब मिलकर शहर...

Read Free

यादें बचपन की By दिनू

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें... पढ़ाई का तनाव हम...

Read Free

मॉडर्न श्रधा By Arun Singla

मॉडर्न श्रधा श्रीमती तिवारी तमतमाए चेहरे के साथे घर के बाहर इधर-उधर देख रही थी। बात ये थी की आज नवमी थी, और उसे सात कन्जिकाओं यानी सात छोटी कन्याओं और एक लोक्डा यानी एक छोटा बच्चे...

Read Free

पृथ्वीराज तृतीय शाकंभरी चौहान शासक By Dr. Bhairavsinh Raol

सातवीं शताब्दी के दौरान प्रतिहारो के एक सामंत वासुदेव ने शाकंभरी में चौहान वंश की स्थापना की थी। शाकंभरी नगर सांभर और अजमेर के निकट अवस्थित है। चौहान शासकों का प्राचीन भारत के इतिह...

Read Free

मध्यकालीन युग में गुजरात में चालुक्य शासन: By Dr. Bhairavsinh Raol

मध्य कालीन युग में गुजरात में चावड़ा राजवंश के राजपूतों राजाओं ने ६९० से ९४० (२५०वर्ष) तक; चालुक्य राजवंश के राजाओ ने ईस्वी ९४० से १२४३(३०३ वर्ष ) और बघेला राजाओं ने १२४४ से १३०४ (...

Read Free

अंधविश्वास By प्रियंका

सन 2017 में राजस्थान में एक आतंक फैला था, जिसका नाम था -"गंजी देवी का आतंक" सब कुछ ठीक चल रहा था। बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां हो गई थी। सभी बच्चे अपनी नानी और दादी के घर घूमने...

Read Free

सिखों के नाम के पीछे सिंह और कौर क्यों और कब से लगाया जाता है? By Dr. Bhairavsinh Raol

सिखों द्वारा सिंह उपनाम अपनाया जाने सेका इतिहास:सिख समुदाय में सिंह शब्द का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है।आज प्रत्येक सिख के नाम के पीछे सिंह शब्द का प्रयोग किया जाता हैं। सिख सम्प्...

Read Free

यशवंत कोठारी के पञ्च By Yashvant Kothari

यशवंत कोठारी के पञ्च    निवासी यशवंत कोठारी जी Yashwant Kothari अध्यापक, लेखक, घुमक्कड़, उपन्यासकार सामाजिक कार्यकर्ता व्यंग्यकार मने क्या नहीं हैं। मतलब बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।...

Read Free

एक लव लैटर जो धड़कन बढ़ा दे By Megha Rathi

एक लव लैटर, जो धड़कन बढ़ा देसुनो न मेरी ओरिजनल पत्नी,कितने दिनों से नाराज हो तुम... अभी जाने कब तक रहने का इरादा है तुम्हारा,ये तुमको ही पता होगा लेकिन हमसे अब यह नाराजगी सहन नहीं...

Read Free

कोई दुःख ना हो तो बकरी लो.... By Saroj Verma

उन दिनों दूध की तकलीफ थी. कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहीरों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं. दो-चार दिन तो दूध अच्छा, मिलता फिर मिलावट शुरू हो जाती. कभी शिकायत होती दूध फट गया, क...

Read Free

मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे By Jatin Tyagi

वह अपने अंतिम दिनों में कहा करते थे, 'हिंदुस्तान की हॉकी ख़त्म हो गई है। ख़िलाड़ियों में डिवोशन (लगन) नहीं है। जीतने का जज़्बा ख़त्म हो गया है।' अपनी मौत से दो महीने पहले उन्होंने क...

Read Free

भैया जी का कैंडल मार्च By Arun Singla

“अरे जल्दी से आ जाओ, कैंडल मार्च शुरू होने वाला है,” भैयाजी ने नीचे सड़क से हमे ऊपर देखते हुए कहा। वे खुशी से फुले नही समा रहे थे, समाये भी क्यों ना, आज उनके बुलाने से 100 से ज्यादा...

Read Free

मासूम एडवेंचर By Arun Singla

मासूम एडवेंचर हमारी भाभी जी हाउस वाइफ हैं,और अपने घर परिवार में मस्त रहती हैं, या यूँ कहिये की उनकी दुनिया परिवार, रिश्तदारों, सगे सम्बन्धियों, और मेड तक ही सीमित थी. वें रहती तो द...

Read Free

शॉपिंग का ज्ञान By Arun Singla

“भाई एक फडकती हुई खबर तुझे देनी है, खुश हो जा“ फ़ोन पर मेरा दोस्त तरुण चहचहा रहा था “क्यों, तेरे घर दीपिका आ रही है” “हाय, ऐसी किस्मत कहाँ, दीपिका तो नही आ रही, उसने ठंडी आह भरी, पर...

Read Free

भारतीय रेल: सुविधा में दुनिया नंबर एक By Arun Singla

हेरान ना हों, कि हमारी भारतीय रेल और सुविधा देने में विश्व में नंबर एक, हो ही नहीं सकता. बिलकुल हो सकता है, बल्की हुआ है, यकीन नहीं होत्ता तो मेरी आपबीती सुने. हुआ यह था की हमे अपन...

Read Free

खाली दिमाग By Megha Rathi

खाली दिमागसब कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। सुना तो मैंने भी यही है मगर ये दिमाग कभी खाली होता भी है क्या? वो क्या है न कि विज्ञान कहता है कि दिमाग ही पूरे शरीर को संचालित...

Read Free

एक राजा की बेटी वेश्या कैसे बनी By Jatin Tyagi

भारत में राजाओं के ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए हैं। यह किले भारत की शान तो कहे जाते हैं, साथ ही साथ यहां कुछ ऐसी रहस्यमई बातें भी हैं, जो लोगों को सोचन...

Read Free

शादी का लड्डू By Saroj Prajapati

"सभी लड़कियां एक जैसी नहीं होती हैं। कब तक तू अकेला मम्मी पापा की देखभाल करेगा! तुझे जरूरत हो ना हो लेकिन उन्हें एक बहू की जरूरत है। तू तो सुबह नौकरी पर निकलता है और रात को ही घर म...

Read Free

मालगाड़ी का सफ़र - 3 (अन्तिम भाग ) By शिव प्रसाद

भाग - ३ ( अन्तिम भाग ) मालगाड़ी को रुके कुछ देर हो चुकी थी, लेकिन डिब्बे के भीतर की शून्यता शायद विनोद के दिमाग में भी फैल गई थी । इसीलिए झटके और धक्कों का थम जाना वह तुरन्त भाँप नह...

Read Free

भूतिया कार By Ravi

एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...रात काफी थी..एकदम घना अंधेरा था...धूप्पमोबाइल का नेटवर्क भी नही...

Read Free

होली By Yashvant Kothari

होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखते हुए इस क्षेत्र में नए नियम बनाने के लिए एक समिति बन...

Read Free

सेल्फी का चक्कर By Sumit Singh

एक दिन जंगल में चीनू बंदर को एक मोबाइल फोन मिला।वह उसे पाकर बहुत खुश हुआ।उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेने की बात सोची। उसने नाक व मुंंह टेढ़ा करते हुए अपनी कई सेल्फी लीं।फिर उसने, अ...

Read Free

तुमसा नहीं देखा.. By Saroj Verma

ये बात सन् १९८० की है,तब हम लोग उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के छोटे से कस्बे अतर्रा में रहा करते थे,मेरे पापा वहाँ के हिन्दू इण्टर काँलेज में अध्यापक थे,मैं उस समय बी.ए.पास करके एम....

Read Free

रामू और बिल्लू की जादूगरी By Karunesh Maurya

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक जवान लड़का था, जिसका नाम रामू था। रामू के पास कोई खास पढ़ाई-लिखाई नहीं थी, लेकिन उसकी खुशियों का कोई...

Read Free

आज क्या सब्जी बनाऊं’ ? By Yashvant Kothari

चलो बहना, सब्जी लायें यशवन्त कोठारी   ‘‘‘आज क्या सब्जी बनाऊं’’    इस शाश्वत सवाल का शाश्वत जवाब है।    ‘‘जो तुम चाहो।’’ बस अब इस वाक्य का अर्थ है कि महाभारत शुरू होना ही चाहता है।...

Read Free

टूबीएचके के शिकंजे में फंसी जिन्दगी By Yashvant Kothari

  व्यंग्य टूबीएचके के शिकंजे  में फंसी जिन्दगी यशवंत कोठारी जिंदगी का सफ़र आज कल टू बीएचके के मकड़ जाल में फंस कर रह गया है ,जिसे देखो वही इस अंधी दौड़ में शामिल है ,ये कोई नहीं सोचता...

Read Free

खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व By Yashvant Kothari

  खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व   यशवन्त कोठारी  सम्पूण जम्बूद्वीप में खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व चल रहा है। विकास एक सतत प्रक्रिया है। भारत विकास प्रधान देश है। विकास करा लो।...

Read Free

आलू और अलादीन - पवन सिकरवार By Author Pawan Singh

मेरा नाम अलादीन है ये नाम सुनते ही अब आपके दिमाग में वही घिसी पीटी अलादीन और जिन्न की कहानी चलने लगी होगी तो मै आपको बता दू की आपको इस कहानी में भी यही मिलयेगा।ये मेरी कहानी है की...

Read Free

लिटफेस्ट लीला By Yashvant Kothari

////////////////////////////////////////////////////////                             लिटफेस्ट लीला    यशवंत कोठारी                                                                  ...

Read Free

हंसी के महा ठहाके - 13 - फोटोग्राफी के बड़े झमेले By Dr Yogendra Kumar Pandey

हास्य सरिता फोटोग्राफी के बड़े झमेले अपनी यादों को स्थाई बनाने के लिए फोटोग्राफी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आजकल मोबाइल के दौर ने भारी स्टिल कैमरों को पीछे छोड़ दिया है।अब लाइटवेट कै...

Read Free

कुंवारा किरायेदार By Yashvant Kothari

          कुंवारा  किरायेदार         यशवन्त कोठारी कुंवारे आदमी को नौकरी के बाद सबसे ज्यादा डर अपने मकान मालिक से लगता है। सब जानते और मानते हैं कि कुंवारा आदमी और मरखना बैल या पा...

Read Free

आवारा जानवरों के खतरे By Yashvant Kothari

आवारा   जानवरों के खतरे                                            यशवंत  कोठारी     इधर कुछ वर्षों में शहर में आवारा  जानवरों  के झुण्ड के झुण्ड सड़कों, गलियों , चौराहों पर विचरते...

Read Free

चर्चा आमकी सियासत में By Yashvant Kothari

                        चर्चा आमकी सियासत में                     यशवन्त कोठारी         इधर काफी समय से एक विज्ञापन पर नजरें  जमीं हुई थीं, जिसमें एक युवती आम-सूत्र शब्द का उच्चारण...

Read Free

चंद होलियाना समाचार By Yashvant Kothari

व्यंग्य होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार                                         यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखतेहुए...

Read Free

झूट कहूँ तो By Pratap Singh

मिल तो जाएंगे न!" चावला जी ने अपने खोये पिता जी के बारे में पूछते हुए बंगाली बाबा से पूछा।चावला जी के पिताजी जो कि करीब अस्सी वर्ष के बुजुर्ग थे। उम्र के साथ-साथ उनकी यरदाश्त कमज़ोर...

Read Free

रावण से मुलाकात By Ravinder Sharma

कल सुबह-सुबह रास्ते में दस सिर वाला हट्टा कट्टा बंदा अचानक मेरी बाइक के आगे आ गया खैर जैसे तैसे ब्रेक लगाई और पूछा ... क्या अंकल 20-20 आँखें हैं ... फिर भी दिखाई नहीं देता जवाब मिल...

Read Free

पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े By Yashvant Kothari

          पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े          यशवन्त कोठारी             श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी और श्रीमती पाव-भाजी ने मिलकर तय किया कि पुस्तक मेले में  आयोजित गजल...

Read Free

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

Read Free

बीमार काका By धरमा

एक बार एक गांव में एक काका बहुत बीमार हो गए और उन्हें पास के ही एक शहर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । कुछ दिन बीत जाने के बाद गांव के लोगों ने आपस में ये तय किया कि सब मिलकर शहर...

Read Free

यादें बचपन की By दिनू

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें... पढ़ाई का तनाव हम...

Read Free

मॉडर्न श्रधा By Arun Singla

मॉडर्न श्रधा श्रीमती तिवारी तमतमाए चेहरे के साथे घर के बाहर इधर-उधर देख रही थी। बात ये थी की आज नवमी थी, और उसे सात कन्जिकाओं यानी सात छोटी कन्याओं और एक लोक्डा यानी एक छोटा बच्चे...

Read Free

पृथ्वीराज तृतीय शाकंभरी चौहान शासक By Dr. Bhairavsinh Raol

सातवीं शताब्दी के दौरान प्रतिहारो के एक सामंत वासुदेव ने शाकंभरी में चौहान वंश की स्थापना की थी। शाकंभरी नगर सांभर और अजमेर के निकट अवस्थित है। चौहान शासकों का प्राचीन भारत के इतिह...

Read Free

मध्यकालीन युग में गुजरात में चालुक्य शासन: By Dr. Bhairavsinh Raol

मध्य कालीन युग में गुजरात में चावड़ा राजवंश के राजपूतों राजाओं ने ६९० से ९४० (२५०वर्ष) तक; चालुक्य राजवंश के राजाओ ने ईस्वी ९४० से १२४३(३०३ वर्ष ) और बघेला राजाओं ने १२४४ से १३०४ (...

Read Free

अंधविश्वास By प्रियंका

सन 2017 में राजस्थान में एक आतंक फैला था, जिसका नाम था -"गंजी देवी का आतंक" सब कुछ ठीक चल रहा था। बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां हो गई थी। सभी बच्चे अपनी नानी और दादी के घर घूमने...

Read Free

सिखों के नाम के पीछे सिंह और कौर क्यों और कब से लगाया जाता है? By Dr. Bhairavsinh Raol

सिखों द्वारा सिंह उपनाम अपनाया जाने सेका इतिहास:सिख समुदाय में सिंह शब्द का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है।आज प्रत्येक सिख के नाम के पीछे सिंह शब्द का प्रयोग किया जाता हैं। सिख सम्प्...

Read Free

यशवंत कोठारी के पञ्च By Yashvant Kothari

यशवंत कोठारी के पञ्च    निवासी यशवंत कोठारी जी Yashwant Kothari अध्यापक, लेखक, घुमक्कड़, उपन्यासकार सामाजिक कार्यकर्ता व्यंग्यकार मने क्या नहीं हैं। मतलब बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।...

Read Free

एक लव लैटर जो धड़कन बढ़ा दे By Megha Rathi

एक लव लैटर, जो धड़कन बढ़ा देसुनो न मेरी ओरिजनल पत्नी,कितने दिनों से नाराज हो तुम... अभी जाने कब तक रहने का इरादा है तुम्हारा,ये तुमको ही पता होगा लेकिन हमसे अब यह नाराजगी सहन नहीं...

Read Free

कोई दुःख ना हो तो बकरी लो.... By Saroj Verma

उन दिनों दूध की तकलीफ थी. कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहीरों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं. दो-चार दिन तो दूध अच्छा, मिलता फिर मिलावट शुरू हो जाती. कभी शिकायत होती दूध फट गया, क...

Read Free

मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे By Jatin Tyagi

वह अपने अंतिम दिनों में कहा करते थे, 'हिंदुस्तान की हॉकी ख़त्म हो गई है। ख़िलाड़ियों में डिवोशन (लगन) नहीं है। जीतने का जज़्बा ख़त्म हो गया है।' अपनी मौत से दो महीने पहले उन्होंने क...

Read Free

भैया जी का कैंडल मार्च By Arun Singla

“अरे जल्दी से आ जाओ, कैंडल मार्च शुरू होने वाला है,” भैयाजी ने नीचे सड़क से हमे ऊपर देखते हुए कहा। वे खुशी से फुले नही समा रहे थे, समाये भी क्यों ना, आज उनके बुलाने से 100 से ज्यादा...

Read Free

मासूम एडवेंचर By Arun Singla

मासूम एडवेंचर हमारी भाभी जी हाउस वाइफ हैं,और अपने घर परिवार में मस्त रहती हैं, या यूँ कहिये की उनकी दुनिया परिवार, रिश्तदारों, सगे सम्बन्धियों, और मेड तक ही सीमित थी. वें रहती तो द...

Read Free

शॉपिंग का ज्ञान By Arun Singla

“भाई एक फडकती हुई खबर तुझे देनी है, खुश हो जा“ फ़ोन पर मेरा दोस्त तरुण चहचहा रहा था “क्यों, तेरे घर दीपिका आ रही है” “हाय, ऐसी किस्मत कहाँ, दीपिका तो नही आ रही, उसने ठंडी आह भरी, पर...

Read Free

भारतीय रेल: सुविधा में दुनिया नंबर एक By Arun Singla

हेरान ना हों, कि हमारी भारतीय रेल और सुविधा देने में विश्व में नंबर एक, हो ही नहीं सकता. बिलकुल हो सकता है, बल्की हुआ है, यकीन नहीं होत्ता तो मेरी आपबीती सुने. हुआ यह था की हमे अपन...

Read Free

खाली दिमाग By Megha Rathi

खाली दिमागसब कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। सुना तो मैंने भी यही है मगर ये दिमाग कभी खाली होता भी है क्या? वो क्या है न कि विज्ञान कहता है कि दिमाग ही पूरे शरीर को संचालित...

Read Free

एक राजा की बेटी वेश्या कैसे बनी By Jatin Tyagi

भारत में राजाओं के ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए हैं। यह किले भारत की शान तो कहे जाते हैं, साथ ही साथ यहां कुछ ऐसी रहस्यमई बातें भी हैं, जो लोगों को सोचन...

Read Free

शादी का लड्डू By Saroj Prajapati

"सभी लड़कियां एक जैसी नहीं होती हैं। कब तक तू अकेला मम्मी पापा की देखभाल करेगा! तुझे जरूरत हो ना हो लेकिन उन्हें एक बहू की जरूरत है। तू तो सुबह नौकरी पर निकलता है और रात को ही घर म...

Read Free

मालगाड़ी का सफ़र - 3 (अन्तिम भाग ) By शिव प्रसाद

भाग - ३ ( अन्तिम भाग ) मालगाड़ी को रुके कुछ देर हो चुकी थी, लेकिन डिब्बे के भीतर की शून्यता शायद विनोद के दिमाग में भी फैल गई थी । इसीलिए झटके और धक्कों का थम जाना वह तुरन्त भाँप नह...

Read Free