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चाहे जो हो अंजाम नाम भी हो जाएं बदनाम अब तो सुबह और शाम लगाता हू दो-दो जाम! -Zala Sunil
फोन की रिंग पर याद तो तुझे ही कारते है पहले ये सोचते थे कि तुम्हारा ही कॉल होगा. और अब ये सोचते है की काश तुम्हारा कॉल हो.
आखरी सांस तक इन आंखों को तुम्हारी एक झलक का इंतजार रहेगा ये जन्म तो क्या अाने वाले हर जन्म में तुमसे मिलने को ये दिल बेकरार रहेगा!!
तुम्हारे बिना ना रात गुजारती है ना दीन गुजरता है लगता है अब मुझे ही गुजर जाना पड़ेगा!
बहुत करीब से अनजान बन के गुजरे वो जो कभी चेहरे पर मास्क हो तो भी पहचान जाते थे!
तेरे और मेरा प्यार करने का तरीका ही अलग अलग था तुम्हे वक़्त गुजरना था और मुझे जिंदगी!
तेरा बात करने का अंदाज बदल गया है लगता है तेरा भी अब मन भर गया है!!!
वो ये कह कर गई के तुम्हारे बुरे वक्त में वापस आऊंगी वो छोड़कर गई उससे बुरा वक्त और क्या हो सकता है?
मुझे पता नहीं मेरे नसीब क्या लिखा होगा? पर इतना जरूर पता है के लिखने वाले को भी हर पन्ने पर महादेव लिखना पड़ा होगा!!
उन के लिए क्या तड़पना जो किसी और के लिए बरसते है और तुम्हारे पर दो तीन बूंदे ही बरसते है उन के लिए तड़पो जो सिर्फ तुम्हारे लिए ही बरसते है सुना है कि उन की एक बूंद के लिए कई आशिक़ तरसते है!!
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