The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
तुम तो कहती थी .. हर शाम तुम्हारा इंतजार करेंगे..!! अब बतायो...??? क्या तुम्हारे शहर में.. अब शाम नही होती..??
इंसान की सबसे बड़ी हार , तब हो जाती है... जब उसे पता चलता है... जिसे वो सबकुछ समझता था,,, उसके लिए हम कुछ भी नही है... केवल इस्तेमाल की वस्तु मात्र है...!! रिषी.💔
रख लो आइनें हजार, अपनी तसल्ली के लिए.. पर सच के लिए तो, आँखें मिलानी ही पड़ेगी..!! रिषी.💗
ए शीशे, ए सपने, ए रिश्ते, ए दिल... किसे क्या खबर,,, कहां टूट जाए..💔 रिषी...
🌧️बरसात गिरी और कानों में इतना कह गई कि....!! गर्मी कभी किसी की नही रहती..💧💧 रिषी..
पत्तों सी होती है,, कई रिश्तों की उम्र..!! आज हरे---🌿 कल सूखे---🍂 रिषी..
थमती नही जिंदगी.. कभी किसी के बिना,, जीना आ गया.. अब,उसके बिना..!! रिषी..
उसका मुस्कुराना, उसका हंसना, उसका खिलखिलाना, और बार-बार मुझे कहना, ओए..मेरा दिवाना, मेरा साथ हरदम निभाना..! रिषभ
क्रुद्ध हो रही गंगा मैया, हमलोगो के पाप से..! तीव्र धार अवरूद्ध हो रही, प्रदूषण के पाप से..!!
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser