Quotes by Vishwa Prakash in Bitesapp read free

Vishwa Prakash

Vishwa Prakash

@vishwaprakash8754gmail.com9622


आज के इस युग में दरारें रिश्तों में कुछ इस कदर आ गई है,
केवल सीलन ही नहीं यहां पर पूरी की पूरी पानी अंदर आ गई है

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रात के अंधेरे में चांद सा उजाला हो तुम
मेरी जिंदगी को सही दिशा देने वाला सहारा हो तुम।

तेरे चेहरे पर की एक मुस्कान पर मेरी नज़रे कुछ इस कदर आ रुकी है,
लोग पूछने लगे है मुझसे
दूसरों के चक्कर में आकर खुद को गवा कर क्या मिलता है।

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sometime we are just one step away from totally different life and then we give up

here's New poem❤️😍❤️